साभार: भास्कर समाचार
हरियाणा सिविल सर्विसिस (एचसीएस) ज्युडीशियल का पेपर लीक होने के आरोपों के मामले में सुनवाई के दौरान बुधवार को हाईकोर्ट ने माना कि 29 अगस्त की प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्टा पहली नजर मे देखने पर
लग रहा है कि पेपर लीक हुआ है। जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया की फुल बेंच ने रिक्रूटमेंट कमेटी की सिफारिशों को सील कवर में दिए जाने के निर्देश दिए हैं। मामले पर 12 सितंबर के लिए अगली सुनवाई होगी। पिंजौर निवासी एक वकील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले में एफआईआर दर्ज कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। याची के अनुसार डेढ़ करोड़ में पेपर बिक रहा था और इसकी उसे भी पेशकश की गई थी। परीक्षा की तैयारी के लिए याची ने एक कोचिंग सेंटर ज्वाइन किया। सेंटर में उसकी दोस्ती सुशीला नामक एक महिला से हुई। एक दिन उसने सुशीला से लेक्चर से जुड़ी ऑडियो क्लिप मांगी, जो ऑडियो क्लिप उसे दी गई, उसमें सुशीला किसी दूसरी लड़की सुनीता से बात कर रही थी और डेढ़ करोड़ में नियुक्ति की बात हो रही थी। सुशीला ने याची को छह सवाल भी बताए जो परीक्षा में आने थे। 16 जुलाई को हुई परीक्षा में जैसे ही याची ने प्रश्नपत्र देखा तो वह हैरान रह गई कि जो प्रश्न बताए गए थे वे सभी परीक्षा में आए हुए थे। याचिका में मांग की गई कि मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कराई जाए। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सुनीता और सुशीला का रिजल्ट देखा तो पाया कि सुनीता जनरल कैटेगरी और सुशीला रिजर्व कैटेगरी में टॉपर में शामिल है। दोनों की आंसरशीट में बहुत की कम गलतियां पाई गई।
109 पदों के लिए आवेदन मांगे: हरियाणा सरकार ने 20 मार्च 2017 को विज्ञापन देकर 109 एचसीएस ज्यूडिशियल पदों के लिए आवेदन मांगे थे। 16 जुलाई को लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके बाद अब रिजल्ट घोषित किया जाना बाकी था।