साभार: भास्कर समाचार
पंजाब-हरियाणा के बीच लंबे समय से विवाद का विषय बनी एसवाईएल नहर मामले में अब नए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने भरोसा दिलाया है कि इस मामले में हरियाणा के हितों की रक्षा की जाएगी।
उन्होंने सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में मिले एक सरकारी प्रतिनिधि मंडल को यह भरोसा दिलाया। इस दौरान सीएम ने गडकरी से कहा कि अगर एसवाईएल नहर का निर्माण हो जाए तो पानी का मामला आपसी बातचीत से भी सुलझाया जा सकता है। हाल ही हुए मंत्रिमंडल फेरबदल में गडकरी को यह महकमा मिला है। इससे पहले नई दिल्ली में मंगलवार को हुए हरियाणा मंत्री समूह की अनौपचारिक मीटिंग में देर रात नए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर उनके समक्ष हरियाणा का पक्ष रखने का फैसला किया गया था। सीएम मनोहर लाल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी सरकार कानूनी तरीके से ही पंजाब से अपने हिस्से का पानी लेना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के हक में चुका है।
इस फैसले का पालन करने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार पर है। गडकरी से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह, शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़, भिवानी सांसद धर्मवीर सिंह, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, भाजपा अनुशासन समिति के सदस्य प्रोफेसर गणेशी लाल, मुख्य सचिव डी. एस. ढेसी और केंद्रीय जल संसाधन सचिव डॉ. अमरजीत सिंह भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद सीएम मनोहर लाल ने मीडिया को बताया कि एसवाईएल के संदर्भ में वीरवार को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। इसी वजह से केंद्रीय मंत्री के समक्ष हरियाणा का पक्ष रखा गया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण की है। पानी से संबंधित विषय का निपटान परस्पर बातचीत से कर लिया जाएगा। विपक्षी दलों को साथ लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर हम यह लड़ाई लड़ रहे हैं। हमने इस संबंध में सर्वदलीय बैठक की है। राष्ट्रपति और केंद्रीय गृहमंत्री से भी मिले हैं।
अपनी विफलता छिपाने की कोशिश - अरोड़ा: इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कहा कि एसवाईएल को लेकर वीरवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सरकार को आशंका थी कि कहीं कोर्ट से फटकार पड़ जाए। इसीलिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से सरकारी प्रतिनिधि मंडल मिला है, ताकि कोर्ट में बता सकें कि हरियाणा सरकार प्रयास कर रही है। हालांकि बात तो सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की थी। लेकिन पिछले 10 महीने में पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर अपने ही सीएम को मिलने तक का टाइम नहीं दिया। बुधवार को गडकरी से मुलाकात इसी विफलता को छिपाने की कोशिश है। इनेलो लंबे समय से एसवाईएल की लड़ाई लड़ रही है। पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के जन्मदिन के मौके पर 25 सितंबर को इस बारे में आरपार की लड़ाई का ऐलान किया जाएगा।