साभार: भास्कर समाचार
रेयान इंटरनेशनल स्कूल की घटना और कोर्ट की सख्ती के बाद अब हरियाणा की भाजपा सरकार की नींद खुली है। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर मापदंड तय करने के लिए शिक्षा विभाग ने विभागीय अधिकारियों की
एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी ने अपनी मीटिंग करके सुरक्षा मापदंड नियम तैयार कर लिए हैं। इन नियमों को लेकर उच्च स्तर पर चर्चा भी हो चुकी है। ये नियम जल्दी ही नोटिफाइ होने की संभावना है। ये दिशा निर्देश जल्दी ही सभी स्कूलों को जारी कर दिए जाएंगे। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके. खंडेलवाल ने बताया कि विभागीय कमेटी में मौलिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन), सैकेंडरी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन), पंचकूला के जिला शिक्षा अधिकारी, सैकेंडरी शिक्षा विभाग के जिला अटॉर्नी, उप निदेशक (उत्कर्ष), सहायक निदेशक (शैक्षणिक सेल) और प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। कमेटी के लोगों ने मंगलवार को ही मीटिंग करके सुरक्षा मापदंड दिशा-निर्देश तैयार कर लिए हैं। इन्हें जल्दी ही अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हाल ही हुई घटना की वजह से स्कूलिंग प्रणाली बदनाम हुई है। ऐसी घटनाओं की पुनर्रावृति हो। इसलिए स्कूलों के संचालन के लिए मापदंड प्रक्रिया, दिशा निर्देश और नियमतिकरण नियम तैयार किए जा रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल-स्टूडेंट्स सेफ्टी एंड सिक्योरिटी सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इसके तहत सभी स्कूलों में अभिभावक-अध्यापक सुरक्षा समितियां बनाई जाएंगी। ये समितियां बच्चों की घर से स्कूल के रास्ते, स्कूल के अंदर, क्लास रूम और वापस घर पहुंचने तक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी। इनके अलावा जिला उपायुक्त और एसडीएम को भी स्कूलों के औचक निरीक्षण करने के अधिकार दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। अगर निरीक्षण के दौरान पाई गई खामियों को स्कूल प्रबंधन तय समयावधि में दूर नहीं करता है तो सरकार संबंधित स्कूल को टेकओवर भी कर सकती है। उन्होंने बताया कि सभी स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही स्कूलों में भी गेट से लेकर क्लास रूम, स्टाफ रूम, प्ले ग्राउंड और परिसर में भी सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे ताकि बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
उल्लेखनीय है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा, फीस और अन्य मामलों को लेकर सरकार के पास पहले से ही कई तरह की शिकायतें रही थीं, लेकिन अब तक सरकार इन्हें अनदेखा करती रही थी। लेकिन जैसे ही गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 7 वर्षीय छात्र प्रद्युम्न की हत्या हुई। उसके बाद वहां अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया। सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेने के साथ ही हरियाणा की भाजपा सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई। इसके बाद सरकार ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर मापदंड बनाने शुरू किए हैं।
- किसी भी स्कूल की एक ही एंट्री एग्जिट होगी।
- स्कूल की चारदीवारी 15 फीट से अधिक होनी चाहिए, ताकि शरारती स्कूल में प्रवेश कर सकें।
- सभी स्कूल प्रबंधनों को निर्देश दिया जाएगा कि वह अपने स्कूलों के रिस्ट्रिक्टेड एरियाज को स्कूल के सभी फ्लोर्स पर एक नोटिस बोर्ड लगाकर डिस्प्ले करवाए ताकि उन एरियाज में स्कूली बच्चे न जाएं।
- स्कूल में पेरेंट्स और अन्य विजिटर्स का फ्री एक्सेस स्कूल द्वारा नहीं दिया जाए।
- स्कूल में बस ड्राइवर और कंडक्टर की पूरी वेरिफिकेशन होनी चाहिए। साथ ही, उन्हें स्कूल के भीतर जाने की परमिशन नहीं दी जानी चाहिए।
- हर बच्चे को दो आई कार्ड जारी करने होंगे। एक आई कार्ड बच्चे के साथ होगा और दूसरा उसके पेरेंट्स या गार्जन के पास होगा, ताकि बच्चे से कोई अंजान व्यक्ति मिलने न आए।
- स्कूल के स्विमिंग पूल का हरेक हिस्से पर एचडी कैमरे की नजर होनी चाहिए।