साभार: जागरण समाचार
डेरा प्रमुख कई तरह के खेलों का शौकीन रहा है। डेरा सच्चा सौदा स्थित स्टेडियम में उसके अपने नियम चलता थे। उसके यहां क्रिकेट में चौके और छक्के के अलावा अट्ठा भी था। जब गुरमीत तेजी के साथ लंबा शाट मारता था
और गेंद स्टेडियम से पार हो जाती थी तो उसके भक्त जोर से चिल्लाकर कमेंटरी करते थे कि पूज्य पिताजी ने शानदार अट्ठा मारा है। डेरा मुखी के सामने होने वाले क्रिकेट मैच में जब भी कोई चौका या छक्का लगता था, तब शाट लगाने वाले खिलाड़ी को सामने बैठे गुरमीत के पास जाकर प्रणाम करना पड़ता था। सिरसा डेरे के क्रिकेट स्टेडियम में जब पहली बार राष्ट्रीय मैच हुए तो कुछ खिलाड़ियों को इस परंपरा को निभाना पड़ा। फिर कभी यहां मैच नहीं हो पाए। हालांकि डेरा प्रेमी गुरमीत की पुरानी परंपरा का निर्वाह करते रहे हैं। गुरमीत क्रिकेट के अलावा हैमर थ्रो, तैराकी और बिलियर्ड सहित तीन दर्जन खेल ऐसे हैं, जिनमें खुद पारंगत बताता है। वह उनकी कोचिंग तक देने का दावा करता था। विराट कोहली और युसूफ पठान समेत आधा दर्जन क्रिकेटरों को ट्रेनिंग देने का वह दावा कर चुका है। अपनी खेल प्रतिभा का हवाला देते हुए गुरमीत ने खेल प्रशिक्षण के सबसे बड़े द्रोणाचार्य अवार्ड तक की सिफारिश करवा ली थी। गनीमत यह रही कि पदमश्री की तरह उसे अभी तक यह पुरस्कार नहीं मिल नहीं पाया था। पदमश्री अवॉर्ड के लिए उसने चार हजार से अधिक समर्थकों की सिफारिशें केंद्र सरकार तक पहुंचवाई थी। डेरा प्रमुख ने अपने कई इंटरव्यू में इस बात को स्वीकार किया है कि वह कई खेलों का जानकार है और उससे बड़े क्रिकेटर ट्रेनिंग लेने आते थे। भले ही वे ट्रेनिंग के लिए उसका नाम न लें।