चहलकदमी हो या ब्रिस्क वॉक (तेजी से पैदल चलना) इसके कई फायदे हैं। इनसे व्यक्ति के मस्तिष्क और शरीर दोनों को फायदा होता है। जानते हैं विभिन्न शोध इस बारे में क्या कहते हैं।
15 मिनिट रोज वॉक से कम होती है शुगर: डाइबीटिज केअर के अनुसार खाना खाने के आधे घंटे बाद 15 मिनट तेज चाल से पैदल चलने से ब्लड शुगर का स्तर कम होता है और डाइबीटिज का खतरा कम हो जाता है। महात्मा गांधी ने कहा था कि वॉकिंग सभी कसरतों से ऊपर है। स्कूल के दिनों से ही उन्हें इसकी आदत थी। लंदन में वे पैसा बचाने के लिए पैदल आते-जाते थे। बाद में उन्होंने कहा कि इस आदत ने मुझे इंग्लैंड में और आगे पूरे जीवन निरोगी बनाए रखा।
हफ्ते में 3 दिन 45 मिनट वॉक से याददाश्त सुधरती है: पीटर्सबर्ग यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार हफ्ते में तीन दिन 30 से 45 मिनट वाॅकिंग करने वाले 60 से 80 वर्ष उम्र के लोगों के मस्तिष्क पर अच्छा असर हुआ। उनकी याददाश्त और प्लानिंग करने की क्षमता बेहतर हुई। क्योंकि वॉकिंग से दिमाग के याद रखने से जुड़े हिस्से में सक्रियता बढ़ती है।
2 मिनिट वॉक से कम होता है जल्दी मौत का खतरा: अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के एक शोध के अनुसार हर घंटे दो मिनट की वाॅक से आकस्मिक मौत का खतरा का 33% तक कम हो जाता है। 5 से 15 मिनिट वॉकिंग से बढ़ती है क्रिएटिविटी: स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार वॉक से क्रिएटिव थििकंग बढ़ती है। वॉक करने वालों में बैठे रहने वालों की तुलना में क्रिएिटव प्रॉब्लम सॉल्विंग 60 प्रतिशत तक अधिक होती है।
30 मिनट रोज वॉक से दिल की बीमारी का खतरा कम: न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के अनुसार जो लोग 30 मिनट रोज ब्रिस्क वॉक या फिजिकल एक्टिविटि करते हैं उन्हें कार्डियोवस्कुलर डिसीज का खतरा अन्य की तुलना में 30 प्रतिशत कम होता है।
40 से 50 मिनट से हाइपर टेंशन भी कम होता है: बुजुर्गों में कोरोनरी हार्ट डिसीज का खतरा आधा हो जाता है। कोशिकाओं का डेमेज होना भी घट जाता है। पेट और जांघों की चर्बी कम होती है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्टस् मेडिसिन के अनुसार 40 मिनट रोज वॉकिंग से हाइपर टेंशन वाले लोगों में ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
वजन घटाने के लिए कसरत से ज्यादा कारगर वॉकिंग: 150 मिनट वॉक से 165 पाउंड के एडल्ट में 560 कैलोरी बर्न होती है। बॉडी वेट, बीएमआई कम होता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी एंड रिलेटेड मेटाबॉलिक डिऑर्डर के अनुसार ब्रिस्क वॉकिंग जिम जाने से ज्यादा फायदेमंद साबित होती है।
जब मन नहीं लग रहा हो तो चहलकदमी अच्छी: अमेरिका की सेंट जेवियर यूनिवर्सिटी में सायकोलॉजी के प्राेफेसर जैक मिलर के एक शोध के अनुसार वॉकिंग से निराशाजनक विचार आना कम हो जाते हैं। एक छोटे से वॉक से भी सायकोलॉजिकल फायदा होता है। काम में मन नहीं लग रहा हो और एक छोटा-सा वॉक ले लिया जाए तो इसके बाद मुश्किल काम भी अासान लगने लगते हैं।