साभार: जागरण समाचार
बुधवार को एक बार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ गया। कई स्थानों पर आंधी-बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर भी पानी फेर दिया। मंडियों में खुले में रखी गई गेहूं की बोरियां बारिश में भीगीं तो खेतों में खड़ी
फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा।
कैथल जिले में तेज आंधी के बाद हुई ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल तबाह हो गई। उधर, जींद में भी बारिश हुई। उचाना में बारिश का पानी गेहूं की बोरियों में घुस गया। करनाल में अलसुबह हुई बूंदाबांदी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और पानीपत में भी हल्की बारिश और तेज हवाओं के कारण किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर नजर आईं। साइबर सिटी गुरुग्राम में पिछले दो दिन से रुक-रुककर बारिश हो रही है। बुधवार दोपहर को भी बारिश हुई। देर रात तक बूंदाबांदी होती रही। हिसार में दिनभर बादल छाए रहने के बाद शाम करीब 3 बजे कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई। बारिश के साथ आई तेज हवाओं के कारण खेतों में खड़ी गेहूं की फसल टूट कर गिर गई। फतेहाबाद में टोहाना खंड के कई गांवों में तेज बारिश के चलते खेतों में काट कर रखी हुई गेहूं की फसल तैर गई।
हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मदन खिचड़ के अनुसार वीरवार को प्रदेश में उत्तरी हरियाणा में बूंदाबांदी की संभावना है। शेष हरियाणा में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं, लेकिन बारिश की कोई बहुत अधिक संभावना नहीं है।