Friday, October 19, 2018

सरकार! तुमसे 'खफा' है हर कर्मचारी: रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के समर्थन में शिक्षक संघ, PWD और SKS के जगह जगह विरोध प्रदर्शन

साभार: जागरण समाचार 
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने निजीकरण के खिलाफ हड़ताल कर रहे हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों का समर्थन किया है। संघ ने जिला प्रधान विकास टुटेजा के नेतृत्व में जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
सौंपकर रोडवेज कर्मचारियों की न्याय संगत मांगों के समाधान की मांग की है। जिला प्रधान विकास टुटेजा, राज्य कानूनी सलाहाकार दलीप बिश्नोई व मुख्य सलाहाकार देवेन्द्र दहिया ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों पर अपनी अन्यायपूर्ण व निजीकरण को बढ़ावा देती नीतियों को लागू करवाने के लिए तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है, वह एक लोकतांत्रिक सरकार के लिए कतई उचित नहीं है। सरकार द्वारा रोडवेज के निजीकरण के प्रयास का विरोध कर रहे रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाने, लाठीचार्ज, गिरफ्तारी एवं बर्खास्तगी जैसी दमनकारी कार्रवाई की जा रही है। संघ ने इसकी निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र का हनन बताया। 
उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग में आज कर्मचारी वर्ग सरकार से परेशान हैं। सरकार द्वारा निजीकरण को बढ़ावा देने वाले निर्णयों को लागू करवाने के लिए कर्मचारियों को जिस प्रकार से प्रताड़ित किया जा रहा है वह घोर निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जिस जोर जबरदस्ती से 720 प्राइवेट बसों को सरकारी बेड़े में शामिल करने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है, इसका विरोध रोडवेज कर्मचारी ही नहीं प्रदेश की जनता भी कर रही है। ज्ञापन में संघ ने रोडवेज के बेड़े में 720 निजी बसों को शामिल करने के फैसले को तत्काल रद्द कर रोडवेज कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार करके गतिरोध समाप्त करने, गिरफ्तार रोडवेज व अन्य कर्मचारियों को तत्काल रिहा करने, उन पर दर्ज मुकदमें वापस लेने और उनकी निलंबन व बर्खास्तगी तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की। इस अवसर पर महासचिव विनोद मुंड, धर्मवीर रामसरा, सुरेन्द्र सिंह, दलीप सिंह, अशोक कुमार, देवेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र सूरा, विनोद कुमार, मनोज कुमार, विजेन्द्र सूरा, इन्द्रदीप, रोहताश, नत्थूराम, सुशील कुमार, अजत सिंह, कृष्ण कुमार, परसाराम, जयप्रकाश, मोहन लाल, सहित अनेक जेबीटी शिक्षक मौजूद रहे।

पीडब्ल्यूडीकर्मियों ने सरकार के खिलाफ की नारेबाजी: सरकार की दमनकारी नीतियों और निजीकरण के खिलाफ रोडवेज कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल के समर्थन में हरियाणा पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल कर्मचारी यूनियन संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ से जुड़े कर्मचारियों ने फतेहाबाद में 2 घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन की अध्यक्षता यूनियन के ब्रांच प्रधान मुंशीराम कंबोज ने की व संचालन विनोद कुमार सहसचिव ने किया। पवन कुमार, वरिष्ठ उपप्रधान ने कहा कि हरियाणा सरकार रोडवेज कर्मचारियों की जायज मांगों को मानने की बजाय अपनी मनमानी करके आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है। कर्मचारियों को एस्मा जैसे काले कानून का डर दिखाया जा रहा है।

उन्होंने कर्मचारियों पर सरकार की दमनात्मक कार्यवाही का विरोध करते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की और कर्मचारियों से बातचीत के द्वारा समस्या का समाधान करने की मांग की। इस अवसर पर राहुल सैनी, जगदीश कम्बोज, रोहताश रोहताश दौलतपुरिया सहित काफी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।

सड़कों पर उतरा सर्व कर्मचारी संघ: हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की निजीकरण के खिलाफ की जा रही हड़ताल के समर्थन में सर्व कर्मचारी संघ व सीटू के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से बिजली बोर्ड प्रांगण में धरना प्रदर्शन किया। धरने की अध्यक्षता नगरपालिका कर्मचारी संघ के नेता रमेश तोषामढ़ ने की व संचालन रमेश जाण्डली ने किया। धरने के बाद सीटू व सर्व कर्मचारी संघ द्वारा उपायुक्त फतेहाबाद को ज्ञापन भी सौंपा गया। मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि हरियाणा सरकार द्वारा रोडवेज तालमेल कमेटी को बुलाकर सभी मांगों पर सम्मानजनक बातचीत कर समस्याओं का समाधान किया जाए। सरकार दमनकारी नीतियों को छोड़कर जनता की आवाज सुने। रोडवेज के बेड़े में 14 हजार नई बसें शामिल की जाएं ताकि हजारों युवाओं को रोजगार मिल सके। सकसं के जिला प्रधान भूप सिंह भड़ोलांवाली, सीटू जिला उपप्रधान रमेश जाण्डली, सीटू जिला सचिव ओमप्रकाश अनेजा, रमेश तोषामढ़, अमित शर्मा ने कहा कि सरकार ने हठधर्मिता, अहंकार को छोड़कर कर्मचारियों और जनताकी आवाज को सुनना चाहिए, न कि दमन, उत्पीड़न, एस्मा लगाकर कर्मचारी नेताओं को जेल में डालना घोर अलोकतांत्रिक कदम है।