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साभार: जागरण समाचार
अगर पृथ्वी चाह ले तो उसे आसमान छूने से कोई रोक नहीं सकता। जब 18 साल के पृथ्वी का चयन इंग्लैंड दौरे के आखिरी दो टेस्ट मैचों के लिए हुआ था तो उसी दिन तय हो गया था कि यह बल्लेबाज जल्द ही भारत के लिए
ओपनिंग करेगा। रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी के पदार्पण मैच में शतक लगाने वाले पृथ्वी को इंग्लैंड में तो खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले के अंतिम एकादश में उन्हें जगह दी गई और उन्होंने गुरुवार को राजकोट के मैदान पर उतरते ही ताबड़तोड़ सैकड़ा जड़ दिया। शॉ (4) ने चेतेश्वर पुजारा (86) के साथ दूसरे विकेट के लिए 206 रनों की साङोदारी की। इसके बाद विराट कोहली (नाबाद 72), अजिंक्य रहाणो (41) और रिषभ पंत (नाबाद 17) ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक स्कोर चार विकेट पर 364 रनों तक पहुंचा दिया। शॉ ने पदार्पण करते ही रिकॉर्डो की झड़ी लगा दी। वह पदार्पण मैच में शतक लगाने वाले चौथे सबसे युवा बल्लेबाज बन गए।
इसके अलावा वह भारत के 15वें बल्लेबाज हैं जिन्होंने अपने पहले टेस्ट में शतक लगाया है। उन्होंने सबसे तेजी से पहला टेस्ट शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की सूची में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। पृथ्वी ने 99 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। उनसे पहले शिखर धवन ने 20 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 85 गेंदों में शतक लगाया था। वह टेस्ट में करियर का पहला शतक जड़ने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज हैं। इस सूची में सचिन तेंदुलकर का नाम पहले स्थान पर है। उन्होंने 17 साल 107 दिन की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ 1990 में मैनचेस्टर में पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाया था। पृथ्वी ने 18 साल और 329 दिन की उम्र में करियर का पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाया है।