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साभार: जागरण समाचार
निजी क्षेत्र के सबसे बड़े कर्जदाता आइसीआइसीआइ बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर ने भाई-भतीजावाद के आरोपों पर जबरन छुट्टी पर भेजे जाने और महीनों की अनिश्चितता के बाद गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही बैंक ने अब तक मुख्य परिचालन पदाधिकारी (सीओओ) के रूप में शीर्ष कारोबारी गतिविधियां संभाल रहे संदीप बख्शी को अगले पांच वर्षो के लिए एमडी और सीईओ नियुक्त कर दिया है। बोर्ड के इस फैसले का सकारात्मक असर घरेलू शेयर बाजारों में बैंक के शेयरों पर तत्काल देखने को मिला। एक बयान में बैंक ने गुरुवार को कहा कि उसके निदेशक बोर्ड ने जल्द से जल्द सेवानिवृत्ति का कोचर का आग्रह स्वीकार कर लिया। हालांकि बैंक ने स्पष्ट किया है कि कोचर के इस्तीफे का बैंक के बोर्ड द्वारा गठित जांच पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बैंक ने यह भी कहा कि कोचर की कई सुविधाओं पर अंतिम फैसला जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगा। दिलचस्प यह है कि चंदा कोचर पर भाई-भतीजावाद का मामला सामने आने के बाद काफी समय तक बैंक का बोर्ड उनके समर्थन में खड़ा रहा। लेकिन कई नियामकों की तरफ से दबाव के बाद बोर्ड ने इस वर्ष जून में उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी। समिति गठन के साथ ही बैंक ने कोचर को जांच पूरी होने तक छुट्टी पर भेज दिया। 1नौ वर्षो तक बैंक की एमडी और सीईओ रहीं कोचर का इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है, जब बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने फंसे कर्ज से हलकान बैंकों को कॉरपोरेट गवर्नेस के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन करने की हिदायत दी है। इसके साथ ही आरबीआइ कई बैंकों के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव पर जोर दे रहा है।
निजी क्षेत्र के बैंकों की पहली महिला प्रमुख चंदा कोचर को इस वर्ष जून में छुट्टी पर भेजने के बाद ही बैंक ने शीर्ष कारोबारी गतिविधियां संभालने के लिए अपने यहां पहली बार सीओओ का पद सृजित किया था। हालांकि उस समय बैंक ने बख्शी की रिपोर्टिग की कमान कोचर के हाथों में ही रखी, लेकिन उनकी वापसी तक बख्शी को बैंक के निदेशक बोर्ड को रिपोर्ट करने को कहा। बैंक ने जून में पांच वर्षो के लिए बख्शी को सीओओ नियुक्त किया था।
निजी क्षेत्र के बैंकों की पहली महिला प्रमुख चंदा कोचर को इस वर्ष जून में छुट्टी पर भेजने के बाद ही बैंक ने शीर्ष कारोबारी गतिविधियां संभालने के लिए अपने यहां पहली बार सीओओ का पद सृजित किया था। हालांकि उस समय बैंक ने बख्शी की रिपोर्टिग की कमान कोचर के हाथों में ही रखी, लेकिन उनकी वापसी तक बख्शी को बैंक के निदेशक बोर्ड को रिपोर्ट करने को कहा। बैंक ने जून में पांच वर्षो के लिए बख्शी को सीओओ नियुक्त किया था।
कौन हैं संदीप बख्शी: एक्सएलआरआइ (जमशेदपुर) से मैनेजमेंट की डिग्री हासिल 57 वर्षीय बख्शी पिछले 32 वर्षो से आइसीआइसीआइ से जुड़े हुए हैं। उन्होंने पहली दिसंबर, 1986 को आइसीआइसीआइ लिमिटेड में ज्वाइन किया था। उन्हें अप्रैल 2002 में आइसीआइसीआइ लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी का एमडी और सीईओ बनाया गया। वहां उन्होंने निजी क्षेत्र में साधारण बीमा को नई ऊंचाई पर पहुंचाया। वे आइसीआइसीआइ बैंक में पहली मई, 2009 से अगले वर्ष जुलाई के आखिर तक डिप्टी एमडी भी रहे। बख्शी को पहली अगस्त 2010 से आइसीआइसीआइ प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का एमडी और सीईओ नियुक्त किया गया।
कोचर का मामला क्या है: आइसीआइसीआइ बैंक की तत्कालीन एमडी और सीईओ चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप समेत कुछ अन्य कंपनियों को कर्ज दिलाने में मदद की, जिसके बदले उन कंपनियों ने कोचर के परिवार को फायदा पहुंचाया। आरोप है कि वीडियोकॉन ग्रुप को कर्ज मुहैया कराने के एवज में ग्रुप ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी में निवेश किया। बैंक से कर्ज के एवज में अपने देवर की कंपनी में भी निवेश के आरोप चंदा कोचर पर हैं, जिसकी जांच बैंक द्वारा गठित समिति कर रही है।