Wednesday, October 17, 2018

रामपाल मामले में कोर्ट की टिप्पणी: देश स्वयंभू देवताओं से भरा पड़ा, इनका काम सिर्फ धन एकत्र करना

साभार: जागरण समाचार 
हिसार के सतलोक आश्रम संचालक और कथित संत रामपाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए हिसार के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश देसराज चालिया ने तीखी टिप्पणी की। कहा-देश स्वयंभू देवताओं से भरा पड़ा है। जो स्वयं को पहले धर्म गुरु बताते हैं, वे बाद में अपने आपको भगवान घोषित कर देते हैं। प्रक्रिया के
अंत में लंबा-चौड़ा साम्राज्य स्थापित करते हैं और धन एकत्रित करते हैं। उसके बाद पता चलता है कि वे महिलाओं और बच्चों का व्यापक स्तर पर शोषण कर रहे हैं। इस दौर में हर बुराई के पीछे इन स्वयंभू भगवानों की ही खबरें रहती हैं। मंगलवार को यह फैसला नवंबर 2014 में यहां बरवाला स्थित सतलोक आश्रम में हुए हिंसक टकराव के दौरान हुई पांच मौतों के मुकदमें में आया है। इसमें रामपाल सहित सभी 15 दोषियों को उमकैद की सजा सुनाई गई। इनमें रामपाल के बेटे, भानजे, महिला विंग की अध्यक्ष और उसकी बहन और मौसी भी शामिल हैं। अदालत ने हर दोषी पर अलग-अलग दो लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी दोषी अंतिम सांस तक जेल में रहेंगे और उनकी सजा सरकार भी माफ नहीं करेगी। रामपाल के खिलाफ सेंट्रल जेल-1 में इस मुकदमे की सुनवाई के लिए विशेष अदालत बनाई गई थी। न्यायाधीश चालिया ने 165 पेजों के फैसले में हर बिंदु पर चर्चा की है। रामपाल के अपकृत्यों का जिक्र करते हुए कहा कि पेशे से इंजीनियर रामपाल ने लग्जरी कारों का काफिला और 12 एकड़ में आश्रम खड़ा कर लिया। रामपाल का स्वामी दयानंद सरस्वती के आर्य समाज समर्थकों के साथ झज्जर में पहला विवाद हुआ था।