साभार: जागरण समाचार
प्रांतीय व राष्ट्रीय राजमार्गो पर यात्र के दौरान अब उपभोक्ताओं को कमजोर मोबाइल नेटवर्क की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। पूरे रास्ते में उन्हें निर्बाध मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध कराया जाएगा। इससे हाईवे पर सुनसान
जगह पर आपात स्थिति में मोबाइल से संपर्क साधना आसान हो जाएगा। केंद्रीय संचार मंत्रलय के निर्देश पर सभी राजमार्गो व एक्सप्रेस-वे पर अत्याधुनिक 3जी टावर लगाए जाने का काम शुरू हो गया है। मोबाइल सिग्नल की उपलब्धता की जांच कर चप्पे-चप्पे पर बेस ट्रांससीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित किए जाने लगे हैं।
भारतीय संचार निगम लिमिटेड व महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड को इसका जिम्मा सौंपा गया है। डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में केंद्र के इस कदम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक देशभर के राजमार्गों पर बीटीएस लगाने का काम तेजी से चल रहा है। कुछ ही माह में लगभग सभी राष्ट्रीय व प्रांतीय राजमार्गो पर हाईस्पीड मोबाइल सिग्नल उपभोक्ताओं को मिलने लगेंगे। राजमार्गो से गुजरने वाले यात्रियों को अक्सर आपात व दुर्घटना के समय भी मोबाइल नेटवर्क की विकट समस्या से जूझना पड़ता है। इससे उन्हें तात्कालिक मदद मिलने में बाधा पैदा हो रही है। अधिकारियों, व्यापारियों व उद्यमियों को भी पूरे रास्ते महत्वपूर्ण लोगों से संपर्क साधने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बीटीएस की संख्या बढ़ने से अब किसी भी राजमार्ग व एक्सप्रेस-वे पर संपर्क साधना आसान हो जाएगा।
10 एमबीपीएस स्पीड से डाउनलोड होगा डेटा: यात्र के दौरान कॉल ड्रॉप होने, संदेश फेल होने, ई-सेवाओं का इस्तेमाल न कर पाने जैसी समस्याएं भी दूर होंगी। संचार विभाग का दावा है कि उनके 3जी टॉवर अन्य कंपनियों के 4जी सिस्टम से बेहतर काम करते हैं। इसकी बैंडविथ अच्छी होने से 10 एमबीपीएस की स्पीड से डेटा डाउनलोड किया जा सकता है।
यूपी, बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मप्र, झारखंड, उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली, महाराष्ट्र व नॉर्थ-ईस्ट व दक्षिणी भारत के अधिकांश राज्यों में ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क व माइक्रोवेब रेडियो लिंक आधारित टॉवर लगाए जा रहे हैं।
सभी प्रांतीय व राष्ट्रीय राजमार्गो पर हाईस्पीड मोबाइल नेटवर्क देने के लिए अत्याधुनिक 3जी बीटीएस लगाए जा रहे हैं। यूपी में करीब 70 फीसद काम पूरा हो चुका है। - आरके श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, बीएसएनएल, सुलतानपुर