साभार: जागरण समाचार
सरकारी स्कूलों में अभिभावकों और शिक्षकों की बैठक के नाम पर हो रही खानापूर्ति अब नहीं चलेगी। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डीआइईटी) को इन बैठकों की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। साथ ही शिक्षा
मंत्री, शिक्षा निदेशक और जिला शिक्षा अधिकारी सप्ताह में एक दिन स्कूल का दौरा कर वहां छात्रों के शैक्षिक स्तर और आधारभूत ढांचे की समीक्षा करेंगे।पिछले कई दिनों से सरकार के पास अभिभावकों और शिक्षकों की बैठकों की खानापूर्ति को लेकर शिकायतें मिल रही थी। इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इन बैठकों का जिम्मा डीआइईटी को सौंपने के निर्देश दिए। संस्थान के शिक्षक हर महीने इन बैठकों का आयोजन सुनिश्चित करेंगे। 1वहीं, शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने हर सप्ताह एक दिन किसी प्राइमरी, मिडल और हाई स्कूल का दौरा कर छात्रों व शिक्षकों से बातचीत करने का शेड्यूल बनाया है। इसी तरह शिक्षा निदेशक और जिला शिक्षा अधिकारी भी सप्ताह में एक स्कूल का दौरा कर वहां के बच्चों की पढ़ाई का जायजा लेंगे।
21 हजार छात्रओं को घर से लेकर जाएगी बस: छात्र परिवहन सुरक्षा योजना के तहत प्रदेश में 21 हजार छात्रओं ने आवेदन किया है। इन सभी छात्रओं को उनके घर से स्कूल-कॉलेजों तक आने-जाने के लिए निशुल्क यात्र सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए प्रत्येक जिला शिक्षा अधिकारी को दस लाख रुपये दिए गए हैं। इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्कूलों में ‘वेस्ट टू वेल्थ’ अभियान चलाया जाएगा।
शिक्षकों के लिए बनाया प्रशिक्षण सेल: टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सेल बनाया गया है जिसमें 40 शिक्षकों के दो बैच को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। जल्द ही अगले बेच को प्रशिक्षण की तैयारी है। कई निजी शैक्षणिक संस्थानों ने भी अपने स्टाफ को प्रशिक्षित करने की गुजारिश की है।
ऑनलाइन होगा डाटा: स्कूल में नए दाखिले, ड्राप आउट बच्चों या पढ़ाई पूरी कर स्कूल छोड़ने वाले छात्रों का डाटा एमआइएस पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। ऑनलाइन पोर्टल-स्कूल सूचना प्रबंधन प्रणाली (एसआइएमएस) पर सभी स्कूलों के शिक्षक-छात्र का नवीनतम डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। छात्रों और शिक्षकों का कक्षा और सेक्शनवार अपडेट डाटा सिंगल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराया जाएगा।