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साभार: जागरण समाचार
हरियाणा के शहरी निकायों में कार्यरत करीब 32 हजार कर्मचारियों की हड़ताल के दूसरे दिन चंडीगढ़ में हुई समझौता वार्ता में सरकार ने उनकी कई मांगें मान ली। सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के साथ करीब डेढ़
घंटे तक हुई बैठक में पार्ट-दो के लगभग 10 हजार सफाई कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन देने पर सहमति बन गई है। अब उन्हें 16 हजार रुपये मासिक मिलेंगे, पहले 13 हजार रुपये मिलते थे। सरकार से समझौता होने के बाद शहरी निकाय कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली और बृहस्पतिवार से ही काम पर लौट आए। सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा और नगरपालिका कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि वर्क आउटसोर्स व फायर विभाग से ठेका समाप्त करने, ठेका कर्मचारियों को पक्का कराने, पुरानी पेंशन व एक्सग्रेसिया रोजगार स्कीम को बहाल करने तथा मकान किराये में बढ़ोतरी की मांग को लेकर आंदोलन जारी रहेगा।चंडीगढ़ में समझौता वार्ता के बाद लौटते सर्व कर्मचारी संघ और नगर पालिका कर्मचारी संघ के पदाधिकारी।
इन मांगों पर बनी सहमति: बैठक में ठेकेदारों के मार्फत लगे कर्मचारियों को रोल पर लेने, पार्ट एक में लगे बाकी सफाई कर्मचारियों को 15 हजार रुपये न्यूनतम वेतन देने और फायर आपरेटर की 1646 पदों की भर्ती के विज्ञापन को रद कर नई शर्तो के साथ भर्ती करने पर सहमति बनी। सुभाष लांबा के अनुसार नई भर्ती में पहले से काम कर रहे फायर मैन व ड्राइवरों को अनुभव के प्रति वर्ष दो अंक, अधिकतम 10 अंक देने और फिजिकल व लिखित टेस्ट से छूट देने के साथ ही चयन नहीं होने पर भी फायर मैन व ड्राइवरों की नौकरी सुरक्षित करने पर सरकार तैयार हो गई है। इसके अलावा फायर ब्रिगेड स्टाफ का सेवा विस्तार तीन माह की बजाय एक वर्ष करने, 24 जून को ठेका समाप्त होने के बाद से ही हटाए गए कर्मचारियों को ड्यूटी पर लेने, ग्रुप सी व डी में विभिन्न पदों पर नियुक्ति कर्मचारियों को नीति बनाकर पार्ट दो में करने,ईपीएफ व ईएसआइ के करोड़ों रुपये के घोटाले की विजिलेंस जांच कराने की मांग भी मान ली है। नरेश शास्त्री ने बताया कि सरकार अब नए खाते खुलवाकर ईपीएफ व ईएसआइ का पैसा सीधे कर्मचारियों के खाते में जमा कराएगी। इन सभी मुद्दों पर जल्द ही पत्र जारी होंगे।’