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साभार: जागरण समाचार
अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित करने जा रहे किसानों की यूपी गेट पर मंगलवार को दिल्ली पुलिस के साथ झड़प हो गई। किसानों ने दिल्ली में प्रवेश करने
का प्रयास करते हुए ट्रैक्टर चढ़ाकर बैरिकेड तोड़ दिए। उन्हें रोकने के लिए दिल्ली पुलिस को लाठीचार्ज, रबर बुलेट, आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा। पुलिस कार्रवाई में 10 किसान गंभीर घायल हो गए, जबकि 30 अन्य को मामूली चोट आईं।
किसानों को मनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों की कोशिशें भी नाकाम साबित हुईं। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मौके पर आकर आश्वासन भी दिया, तभी किसानों ने उनकी ओर जूता उछाल दिया। इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी किसानों की वार्ता हुई। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हरिद्वार से 23 सितंबर को शुरू हुई किसान क्रांति यात्र को रोकने के लिए गाजियाबाद और दिल्ली पुलिस ने द्विचक्रीय सुरक्षा इंतजाम किए हैं। किसान राजघाट जाने की जिद पर अड़े हैं।
सुबह करीब सवा 11 बजे किसानों ने ट्रैक्टर चलाते हुए पहले गाजियाबाद पुलिस की बैरिके¨डग तोड़ी और बाद में दिल्ली पुलिस की। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। रबर बुलेट और लाठी लगने से दस लोंगों को गंभीर चोटें आईं। तीन मीडियाकर्मी भी रबर बुलेट से घायल हो गए। गंभीर घायल किसानों को एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रातभर की कवायद भी नहीं आई काम: किसान नेताओं को मनाने के लिए सरकार की पूरी रात की कवायद भी काम नहीं आई। रात की हामी और दिन में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ करीब ढाई घंटे चली वार्ता से लगा नतीजा निकल गया। बातचीत से बाहर आए किसान नेता संतुष्ट नजर आये। लेकिन आंदोलनकारी किसानों के बीच पहुंचने के बाद उनके सुर बदल गये।
क्या हैं मांगे:
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो
- न्यूनतम समर्थन मूल्य, लागत में पचास फीसद जोड़कर निर्धारित हो
- कर्ज में डूबे किसानों के कर्ज पूरी तरह माफ किए जाएं
- बिजली दरें कम की जाएं
- डीजल दरें कम की जाएं
- कृषि यंत्र जीएसटी से बाहर हों
- दस साल पुराने ट्रैक्टरों पर से प्रतिबंध हटाया जाए