Sunday, September 10, 2017

रैगिंग का डर निकालने के लिए छात्रों को दिखाई जाएगी फिल्में; UGC ने विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को दिया फिल्में बनाने का टास्क

साभार: जागरण समाचार 
छात्रों में से रैगिंग का डर निकालने के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अब उन्हें फिल्में दिखाई जाएंगी। ये ऐसी फिल्में होंगी, जो छात्रों को रैगिंग के प्रति जागरूक करेंगी। फिलहाल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
(यूजीसी) ने इसे लेकर एक अनूठा कदम उठाया है, जिसके तहत देशभर के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से रैगिंग के प्रति जागरूक करने वाली फिल्में बनाने को कहा है। इतना ही नहीं, यूजीसी ने अच्छी फिल्में बनाने वाले संस्थानों को ईनाम देने की भी घोषणा की है। यूजीसी ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रैगिंग एक बड़ी समस्या बनी हुई है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर जिस तरह सख्ती दिखाई उसके बाद से यूजीसी और भी ज्यादा सतर्कता दिखा रहा है। यही वजह है कि यूजीसी अब छात्रों के भीतर घर कर गए रैगिंग के डर को कैसे भी करके निकलाने में जुटा है।
यूजीसी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए देशभर के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय फिल्म निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इसमें सभी फिल्में पांच से दस मिनट की होंगी। प्रत्येक विश्वविद्यालय की सिर्फ तीन चुनिंदा फिल्में ही प्रतियोगिता में शामिल होंगी। यूजीसी ने इस संबंध में देशभर के सभी विश्वविद्यालयों को भेजे गए गए पत्र में साफ किया है कि इन दौरान राष्ट्रीय स्तर पर तीन बेहतरीन फिल्मों को चयन होगा। इनमें सबसे अच्छी फिल्म को पांच लाख, दूसरे स्थान पर आने वाली फिल्म को तीन लाख और तीसरे स्थान पर आने वाली फिल्म को दो लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाए।