साभार: जागरण समाचार
केंद्र की नीति का अनुसरण करते हुए मनोहर सरकार तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों पर लिखित परीक्षाओं और मेरिट के आधार पर नौकरियां देगी। साथ ही निकायों की प्रॉपर्टी पर लंबे समय से काबिज लोगों को मालिकाना
हक दिया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर मुहर लग सकती है।
आधिकारिक तौर पर अभी तक मंत्रियों के पास बैठक का एजेंडा नहीं पहुंचा है। संभवत: मंगलवार देर रात या फिर बुधवार सुबह ही मंत्रियों को पता लगेगा कि कैबिनेट में किन-किन मुद्दों पर चर्चा होनी है। दरअसल, कई मंत्रियों ने दलील दी है कि अगर इंटरव्यू पूरी तरह से खत्म कर दिया गया तो शहरी युवाओं के मुकाबले गांवों के युवा नौकरियों में पिछड़ जाएंगे। ऐसे में बैठक में इसका कोई न कोई फामरूला निकाला जा सकता है। केंद्र की मोदी सरकार तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में इंटरव्यू खत्म कर चुकी।
निगमों के एक्ट में होगा संशोधन: कैबिनेट की बैठक में नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं में निकायों की प्रॉपर्टी पर लंबे समय से बैठे लोगों को मालिकाना हक दिया जा सकता है। नगर परिषदों व नगर पालिकाओं में पहले से ही यह कानून है कि कलेक्टर रेट पर कब्जाधारियों के नाम प्रॉपर्टी की जा सकती है। निगमों में भी कानून तो है, लेकिन यह कलेक्टर रेट की बजाय मार्केट रेट पर है। माना जा रहा है कि निगमों के एक्ट में संशोधन को लेकर कैबिनेट में फैसला हो सकता है। इसके बाद 20 वर्ष या इससे अधिक समय से निकायों की प्रॉपर्टी पर बैठे लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ होगा।