Monday, September 11, 2017

हाई एजुकेशन वाले जेबीटी पर प्रिंसिपल बड़ी कक्षाएं लेने के लिए नहीं बना सकते हैं दबाव

साभार: भास्कर समाचार
सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर सुधारने का प्रयास करने वाले मुखियाओं को शिक्षा विभाग ने मायूस किया है। 
अब वे खाली बैठे हाई एजुकेशन वाले जेबीटी पर उनकी इच्छा के विरुद्ध हाई स्कूल की कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने का दबाव नहीं बना पाएंगे। यदि कोई ऐसा करता है तो शिक्षा विभाग उस पर कार्रवाई कर सकता है। जेबीटी शिक्षकों की मांग पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी संगीता बिश्नोई ने सभी स्कूल प्रिंसिपल को पत्र जारी कर आदेश दिए हैं। शिक्षा विभाग को शिकायतें मिल रही है कि सरकारी स्कूलों में खाली पीरियड के दौरान प्रिंसिपल अक्सर हाई एजुकेशन वाले जेबीटी शिक्षकों पर खाली पीरियड वाली कक्षा में जाकर बच्चों को पढ़ाने का दबाव बनाते हैं। 
ऐसे में जेबीटी शिक्षकों का तर्क रहता है कि वे जेबीटी शिक्षक के तौर पर स्कूल में कार्य कर रहे है। इसलिए हाई स्कूल की कक्षाओं के बच्चों को उनके द्वारा पढ़ाना जायज नहीं है। यह नियमों के भी विरुद्ध है। जबकि वहीं स्कूल मुखियाओं का कहना है कि स्कूल में यदि कोई शिक्षक नहीं आया तो कक्षा में पीरियड खाली रह जाता है और शिक्षक होने के कारण बच्चे शोर करते है। यदि एमए पास जेबीटी शिक्षक उस कक्षा में जाकर बच्चों को पढ़ा दें तो इसमें कोई बुराई नहीं है। जेबीटी शिक्षक के इस प्रयास से स्कूल में शिक्षा का स्तर ही बढ़ेगा और बच्चे खाली बैठकर शोर नहीं करेंगे। 
जिले में कई ऐसे स्कूल है जहां हाई एजुकेशन वाले जेबीटी शिक्षक बड़ी कक्षाओं को अपनी मर्जी से पढ़ा रहे है लेकिन कई जेबीटी इसे काम का दबाव मानकर अधिकारियों को शिक्षा विभाग के नियमों का हवाला देकर गलत बता रहे है। ऐसे में अधिकारी भी नियमों के अागे मजबूर बेबस नजर रहे हैं।