Friday, June 23, 2017

बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला: पत्नी नौकरी कर रही है तो गुजारा भत्ता पाने का हक नहीं

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि केवल उसी महिला को पति से गुजारा भत्ता पाने का हक है जो अपना भरण-पोषण नहीं कर सकती। जॉब करने वाली महिलाओं को गुजारा भत्ता नहीं दिया जा सकता। जस्टिस केके
तातेड़ ने निचली कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसके तहत गुजारा भत्ता देने के लिए कहा गया था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कोर्ट ने पाया कि महिला नर्स है और हर माह 8 हजार रुपए कमाती है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सीआरपीसी की धारा 125 में साफ है कि जो महिला खुद का भरण-पोषण नहीं कर सकती, वही गुजारा भत्ता मांग सकती है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी के पास फिक्स्ड इनकम है, जबकि पति एलआईसी एजेंट का काम करता है। 
यह है पूरा मामला: 2007 में शादी के कुछ दिन बाद ही पति-पत्नी में विवाद शुरू हो गया। पत्नी अपना सामान लेकर मायके चली गई तो पति ने दोबारा शादी कर ली। सिंधुदुर्ग की फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए आवेदन दे दिया। पत्नी की ओर से कोई हाजिर नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने 1500 रु. महीने गुजारा भत्ता देने का आदेश सुनाया। इसको पति ने चैलेंज किया। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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