फतेहाबाद जिले के गांव कुदनी के राजकीय स्कूल में स्टाफ की कमी है। इस स्कूल में पंजाबी विषय के 90 विद्यार्थी हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए टीचर नहीं है। ऐेसे में गांव की सरपंच खुद आगे आकर अब बच्चों को
पंजाबी पढ़ा रही हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बचपन से पढ़ने बड़े होने पर पढ़ाने का शौक रखने वाली पंजाबी में एमए कर चुकी जसवंत कौर को जब पता चला कि गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में तीन अध्यापकों के पद खाली हैं तो उन्होंने स्वयं ठाना और कि वे अपने व्यस्ततम समय में से कुछ समय निकालकर बच्चों को पढ़ाएंगी। करीब एक माह पूर्व उन्होंने गांव के उक्त स्कूल में कक्षा छठी से आठवीं तक के करीब 90 बच्चों को पंजाबी विषय पढ़ाना शुरू किया। प्रतिदिन तीनों कक्षाओं के बच्चों को करीब तीन घंटे तक वे उनके पाठ्यक्रम का ज्ञान देने के साथ-साथ महापुरुषों के अच्छे विचार भी साझा करती हैं ताकि उनसे उनमें समाज और देश सेवा की भावना का विकास हो।
स्कूल के हेडमास्टर बलवीर कुमार ने बताया कि इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर सरपंच जसवंत कौर की अवैतनिक सेवाओं के लिए प्रस्ताव पारित कर अनुमति दी गई। उन्होंने बताया कि उनकी सेवाओं से बच्चे लाभांवित हो रहे हैं।
सभी जनप्रतिनिधि अनुसरण करें: उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे भी अपने-अपने क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के लिए कुछ नया और अतिरिक्त प्रेरणादायी कार्य करें।
सुबह शाम सुनती हैं गांव की समस्याएं: सरपंच जसवंत कौर ने बताया कि चूंकि गांववासियों ने उन्हें सरपंच चुना है इसलिए वे गांव की समस्याएं दूर करने के लिए सुबह शाम गांववासियों से उनकी समस्याएं सुनकर उनका समाधान करवाने का प्रयास करती हैं। उन्होंने बताया कि उसके बाद वे अपनी घरेलू जिम्मेवारियों को बखूबी निभाने का प्रयास करती हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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