भारत और रूस के बीच लंबे समय से अटके तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु बिजलीघर की दो इकाइयां बनाने का मामला गुरुवार को सुलझ गया। दोनों देशों के बीच इस बिजलीघर की 5वीं और छठी इकाइयां बनाने पर
समझौते पर दस्तखत हो गए। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच वार्ता में दोनों इकाइयों के लिए जनरल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट और क्रेडिट प्रोटोकॉल पर सहमति हो गई। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। ये रिएक्टर भारत के न्यूक्लियर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. और रूस के एटम्सत्रोयेक्सपोर्त कंपनी मिल कर बनाएंगे। दोनों इकाइयों की क्षमता एक-एक हजार मेगावाट होगी। भारत के सभी 22 परमाणु बिजलीघरों की उत्पादन क्षमता अभी 6780 मेगावॉट है।
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साभार: भास्कर समाचार
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