रोहतक के पंडित भगवत दयाल शर्मा विश्वविद्यालय की गोपनीय शाखा से चोरी हुई उत्तर पुस्तिकाओं के मामले में बुधवार को एसआइटी की टीम ने पीजीआइ में पहुंचकर जांच पड़ताल की। गोपनीय शाखा के उन कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई जो अनुबंध पर नौकरी करते हैं। एसआइटी के डीएसपी ने हेल्थ विवि
प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए है। उनका कहना है जल्द ही वह इस मामले में बड़ा खुलासा करेंगे और दोषियों को जेल भेजा जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पीजीआइएमएस की गोपनीय शाखा से बी-फार्मा, एम-फार्मा और बीडीएस की उत्तर पुस्तिकाओं को चोरी कर लिया गया था। इसमें कुछ उत्तर पुस्तिकाएं कमरे में ही पड़ी मिल गई थीं। बी-फार्मा का एक पूरा का पूरा बंडल गायब हो गया था। करीब चार दिन के बाद यह बंडल गोपनीय शाखा के पीछे खुले मैदान में पड़े हुए मिल गए थे। सूत्रों का कहना था कि इन उत्तर पुस्तिकाओं को हल किया गया और उसके बाद यहां पर फेंका गया ताकि हेल्थ विवि उत्तर पुस्तिकाओं को अपने रिकॉर्ड में शामिल कर सके। इस मामले की जांच अब एसपी के द्वारा गठित की गई एसआइटी कर रही है। इसका प्रभारी डीएसपी बिजेंद्र सिंह को बनाया गया है। डीएसपी बिजेंद्र ने बताया कि बुधवार को पीजीआइ में वह अपनी टीम के साथ पहुंचे और उन्होंने गोपनीय शाखा के कर्मचारियों से पूछताछ की। यह वह कर्मचारी हैं जिन्हें अनुबंध पर रखा गया है। डीएसपी ने सवाल खड़ा किया है कि हेल्थ विवि को गोपनीय शाखा का जिम्मा ऐसे व्यक्तियों को नहीं देना चाहिए, जो अनुबंध पर काम करते हैं। एसआइटी टीम ने कर्मचारियों से उत्तर पुस्तिकाएं कहा से मिली और किस समय पड़ी मिली। उत्तर पुस्तिकाएं हल की हुई थीं या नहीं आदि सभी रिकॉर्ड के बारे में जानकारी ली। हालांकि अभी एसआइटी टीम ने किसी को दोषी नहीं ठहराया है।
एक दूसरे के जिम्मे से बच रहे अफसर: पंडित भगवत दयाल शर्मा विश्वविद्यालय की गोपनीय शाखा से चोरी हुई उत्तर पुस्तिकाओं को लेकर परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर संजय से जब पूछा गया कि क्या उत्तर पुस्तिकाओं को हल किया गया है? उन्होंने अपने जवाब में कहा कि उत्तरपुस्तिकाओं को देखा नहीं गया है।
अभी उत्तरपुस्तिका मामले में कुछ नहीं हुआ है। उत्तरपुस्तिकाओं को सील करके रख दिया गया है। पुलिस इसकी आगे की जांच करेगी कि पुस्तिकाएं हल की गई या नहीं।
-डॉक्टर संजय, परीक्षा नियंत्रक
आज पीजीआइ की गोपनीय शाखा में पहुंचकर जांच पड़ताल की गई। वहां का रिकॉर्ड भी देखा गया। अनुबंध कुछ कर्मचारियों से बातचीत की गई है। बेहद महत्वपूर्ण जानकारी हमे मिली है। जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा।
-डीएसपी बिजेंद्र सिंह, एसआइटी प्रभारी।
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साभार: जागरण समाचार
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