देश भर में सहिष्णुता और असहिष्णुता पर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने एक नई बहस छेड़ दी है। उनका कहना है कि अब देश में अल्पसंख्यकों की परिभाषा पर बहस की जरूरत है। रांची में विकास भारती के एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए मंत्री ने बुधवार को
पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अल्पसंख्यकों की परिभाषा जैसे अहम विषय पर चर्चा होनी चाहिए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अल्पसंख्यक किसे माना जाए? किसी जिले में जिनकी आबादी एक फीसद है वे अल्पसंख्यक हैं या जिनकी आबादी 76 फीसद है वे अल्पसंख्यक हैं? कांग्रेस इस अहम मसले पर बहस की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। उन्होंने कहा कि ब्लॉक, जिला, राज्य व देश स्तर पर अल्पसंख्यक तय करने का एक मॉडल होना चाहिए। इस गंभीर विषय पर बहस की जरूरत है। उन्होंने असहिष्णुता के मसले पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए उन पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाया। यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने खुद टिप्पणी कर इस चर्चा पर विराम लगा दिया है।
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साभार: जागरण समाचार
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