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साभार: अमर उजाला समाचार
हरियाणा के निजी स्कूलाें में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के दाखिले को
लेकर शिक्षा विभाग गंभीर नहीं है। राज्य में जिन बच्चों के नाम सूची में आ
गए, अब तक उनका दाखिला नहीं हुआ है। जबकि अन्य ढाई लाख रिक्त सीटों पर
विभाग दाखिले की तैयारी कर रहा है। दाखिलों में हो रही देरी से बच्चों की
पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिन बच्चाें ने असेसमेंट टेस्ट दिया और सूची में
उनका नाम आ गया था, उनमें से आधे बच्चों को दाखिला नहीं मिला है। जिला
स्तर पर बनाई गई कमेटियां और ब्लॉक लेवल कमेटियां अधिक रुचि नहीं दिखा रही
हैं। इस प्रक्रिया को सिरे चढ़ाने वाले दो
जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन ने अब ऐसे स्कूलों के खिलाफ अदालत में मानहानि
का केस डालने की तैयारी की है। आंदोलन के संयोजक ने इस बारे में अधिकारियों
से गुहार लगाई है कि जो स्कूल दाखिला नहीं दे रहे, उनके खिलाफ डिस्ट्रिक्ट
लेवल कमेटी प्रस्ताव पास करे। जिसके आधार पर मानहानि का केस डाला जा सके। आंदोलन
के संयोजक सत्यवीर सिंह ने बताया कि स्कूल संचालकों ने आचार संहिता का
बहाना बनाकर पहले ही विलंब करवा दिया है, अब शिक्षा विभाग देरी कर रहा है।
इस बार आचार संहिता का हवाला नहीं चलने दिया जाएगा। इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए पंकज अग्रवाल, निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने कहा कि जिन
बच्चों के सूची में नाम आए हैं, उनमें से कुछ के दाखिले हुए हैं। जो बचे
हैं उनके करवाए जा रहे हैं। जो छूट गए हैं, हम उन्हें दोबारा आवेदन का मौका
दे रहे हैं। आचार संहिता का इन दाखिलों से कोई लेना देना नहीं है, लिहाजा
इस बार कोई गुमराह नहीं कर सकेगा।
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