Wednesday, June 25, 2014

इराक़ के बारे में 15 रोचक तथ्य

सुन्नी इस्लामिक लड़ाकों ने इराक में कत्लेआम मचाया हुआ है। यहां परिवारों को बेतुके फरमान तक सुनाना शुरू कर दिया है। हालांकि, इन सब के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी का दौरा, राहत भरी खबर हो सकती है। बता दें कि कैरी ने इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड अल-शाम (आईएसआईएस) से इराक के अस्तित्व को खतरा बताते हुए मदद का आश्वासन दिया है। इराक में हिंसा की ये आग कब बुझेगी, कह पाना मुश्किल होगा। इसी बीच नजर डालते हैं इराक से जुड़े 15 अहम व रोचक तथ्यों के ऊपर:
  1. अरेबियन नाइट्स' की बेहद चर्चित कहानियों में से एक 'अली बाबा और चालीस चोर' की कहानी इराक में ही लिखी गई थी। रोचक तथ्यों के मुताबिक, कहानी आज से तकरीबन 1,000 साल पहले लिखी गई थी।
  2. 1968 में इराक संविधान ने इस्लाम को  आधिकारिक धर्म के रूप में स्थापित कर दिया था।
  3. सद्दाम हुसैन ने एक कानून पेश किया था, जिसके तहत परिवार के सम्मान की रक्षा करते हुए अगर किसी व्यक्ति ने महिला की हत्या की हो, तो वह दोषमुक्त होगा। बता दें कि 2003 के बाद इराक में ऑनर किलिंग मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की गई।
  4. इराकी 5,000 सालों से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। शहद इराकी परिवारों के लिए आय और भोजन का मुख्य स्रोत है।
  5. इराक में शादीशुदा जोड़ों में लगभग आधे से ज्यादा चचेरे भाई-बहन ही होते हैं।
  6. 2003 से पहले तक बगदाद का चिड़ियाघर, मध्य पूर्व का सबसे बड़ा चिड़ियाघर हुआ करता था। तब वहां 600 से भी ज्यादा जानवर होते थे। इराक पर आक्रमण के बाद चिड़ियाघर को काफी नुकसान पहुंचा था। लुटेरे 50 जानवरों को छोड़ बाकी सारे जानवर लूट ले गए थे।
  7. किसी समय इराक के स्कूल और कॉलेज अरब जगत में सबसे बेहतरीन माने जाते थे। लेकिन 1991 के खाड़ी युद्ध और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध के बाद यहां की महज 40 फीसदी आबादी ही पढ़ी-लिखी है। इराकियों ने जनवरी 2005 में 50 साल से भी ज्यादा सालों में देश के पहले लोकतांत्रिक चुनाव में मतदान किया।
  8. वैज्ञानिकों ने इराक की जमीन के नीचे 112,500,000,000 बैरल कच्चा तेल भंडार होने की पुष्टि की है। हालांकि, इराक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल भंडार है। 1990 के दशक में सऊदी अरब के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और फिर युद्ध ने इराक को गरीबी में ढकेल दिया।
  9. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, इराक में आतंकी संगठन अल-कायदा 14 साल के नीचे तक के बच्चों का एक यूथ विंग चलाता है, जिसे 'बर्ड्स ऑफ पैराडाइज' नाम दिया गया है। अल-कायदा इनका इस्तेमाल आर्मी, सरकार और नागरिकों को टारगेट करने के लिए आत्मघाती हमलावर के तौर पर करता है। इसके अलावा बच्चों का इस्तेमाल जासूसी, हथियार सप्लाई करने और बम प्लांट करने के लिए भी किया जाता है।
  10. इराक की संस्कृति में नृत्य ने हजारों सालों से अहम भूमिका निभाई है। इराक की नृत्य शैलियों में से एक 'हचाआ' बेली डांसिंग के सामान है। लेकिन इस शैली में कूल्हे की जगह, गर्दन और हाथों के मूवमेंट ज्यादा होते हैं। इस नृत्य शैली के लिए महिलाओं के बालों का लंबा होना जरूरी है, क्योंकि इसमें बाल घुमाना शामिल है।
  11. इराक में सुन्नियों का आबादी महज 32-37 फीसदी है, लेकिन देश पर सबसे ज्यादा समय तक उन्होंने शासन किया। इराक में सियासी जमीन हथियाने और सुन्नी इस्लामिक राष्ट्र बनाने को लेकर इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड अल-शाम यहां कहर बरपा रहा है। आईएसआईएस ने अधिकांश बड़े शहरों पर कब्जा जमा लिया है।
  12. 2003 में 35 देशों के गठबंधन ने एक साथ इराक पर हमला किया था। इस लड़ाई में अमेरिका से सबसे ज्यादा यानी 2,50,000 लड़ाके, ब्रिटेन से 40,000 और ऑस्ट्रेलिया के 2,000 लड़ाकों ने हिस्सा लिया था। बाकी देशों ने युद्ध लड़ रहे बलों के समर्थन में सुरक्षा प्रदान की थी। हालांकि, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश ने युद्ध में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
  13. इराक युद्ध पर 800 बिलियन डॉलर यानी भारतीय मुद्रा में 4,81,11,600 लाख रुपए खर्च हुआ था। युद्ध में अमेरिका के 4,500 हजार सैनिक मारे गए, जबकि 30,000 से भी ज्यादा घायल हुए थे। 2003-10 के दौरान लगभग 1,50,000 इराकी मारे गए, जिसमें पांच में से चार आम नागिरक थे। 
  14. 1980-88 के दौरान ईरान-इराक युद्ध में लाखों लोग मारे गए थे। इस युद्ध से इराक दिवालिया घोषित हो गया था। पैसे की चाहत में तानाशाह सद्दाम हुसैन ने कुवैत की ऑइल फील्ड कब्जाने के उद्देश्य से हमला कर दिया। लेकिन, अमेरिकी गठबंधन वाले सैनिकों ने कुवैत से सद्दाम को खदेड़ बाहर किया। हालांकि, लेकिन इराक में उसे सत्ता में बने रहने दिया।
  15. इराक बॉडी काउंट प्रोजेक्ट के अनुसार, मार्च 2003 से अक्टूबर 2011 के दौरान 1,13,125 नागरिकों की मौत हुई थीं। वहीं लान्सेट के मुताबिक, 2003 से 2010 के बीच इराक में हुए आत्मघाती हमलों में कम से कम 12,000 नागरिक और 200 गठबंधन सैनिक मारे गए थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि निशाने पर लेकर मौत के घाट उतारा गया था।
साभार: डीबी समाचार
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