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इनकम टैक्स एक्ट में ऐसे कई प्रावधान हैं, जिनके जरिए आप आसानी से
टैक्स बचा सकते हैं। ऐसा ही एक प्रावधान है हिंदू अविभाजित परिवार
या HUF (Hindu Undivided Family)। यह एक अलग टैक्स इकाई है, जिसे आयकर कानून में आधिकारिक रूप से
मान्यता प्राप्त है। यह बात सभी जानते हैं कि परिवार के हर सदस्य खासतौर पर वयस्क सदस्यों
को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80सी के तहत एक लाख रुपए तक का टैक्स
डिडक्शन प्राप्त है। सभी समझदार करदाता इस धारा का पूरा फायदा भी उठाते
हैं। करदाताओं के लिए टैक्स बचाने का एक और रास्ता है- HUF यानी हिंदू
अविभाजित परिवार।
अगर कोई व्यक्ति इस नाम से अलग टैक्स इकाई का सृजन करता है तो इसके नाम पर
भी वह धारा 80सी के
तहत मिलने वाली कई कर छूटों को हासिल कर सकता है। इसी तरह इस इकाई को डिवीडेंड इनकम और सूचीबद्ध सिक्योरिटीज पर लांग टर्म कैपिटल गैन्स के मामले में भी आयकर छूट मिलेगी। शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन्स से हासिल हुई आय पर भी HUF को केवल 15 प्रतिशत की दर से ही टैक्स देना होगा। HUF के रूप में बनाई गई अलग टैक्स इकाई के फायदे जानने के बाद करदाता के मन में यह सवाल उठ सकता है कि आखिर नई HUF की शुरुआत कैसे की जाए? इसका जवाब काफी आसान है। HUF बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है अपने माता-पिता या रिश्तेदारों या दोस्तों से सीधे HUF के नाम पर उपहार लेने से। याद रखें कि HUF को दिए गए उपहार में अपना पैसा न लगाना बेहतर होगा। इस संबंध में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 64 को ध्यान में रखना जरूरी है। इस धारा के अनुसार अगर HUF का सदस्य अपनी HUF को ही उपहार देता है तो इस परिस्थिति में HUF को हुई आय उपहार देने वाले व्यक्ति की आय में शामिल की जाएगी। इसके अलावा जरूरत पडऩे पर आप अपने HUF को लोन भी दे सकते हैं। HUF को गैर-रिश्तेदारों से प्राप्त सालाना 50,000 रुपए तक के उपहार पर टैक्स में छूट मिलती है।
तहत मिलने वाली कई कर छूटों को हासिल कर सकता है। इसी तरह इस इकाई को डिवीडेंड इनकम और सूचीबद्ध सिक्योरिटीज पर लांग टर्म कैपिटल गैन्स के मामले में भी आयकर छूट मिलेगी। शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन्स से हासिल हुई आय पर भी HUF को केवल 15 प्रतिशत की दर से ही टैक्स देना होगा। HUF के रूप में बनाई गई अलग टैक्स इकाई के फायदे जानने के बाद करदाता के मन में यह सवाल उठ सकता है कि आखिर नई HUF की शुरुआत कैसे की जाए? इसका जवाब काफी आसान है। HUF बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है अपने माता-पिता या रिश्तेदारों या दोस्तों से सीधे HUF के नाम पर उपहार लेने से। याद रखें कि HUF को दिए गए उपहार में अपना पैसा न लगाना बेहतर होगा। इस संबंध में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 64 को ध्यान में रखना जरूरी है। इस धारा के अनुसार अगर HUF का सदस्य अपनी HUF को ही उपहार देता है तो इस परिस्थिति में HUF को हुई आय उपहार देने वाले व्यक्ति की आय में शामिल की जाएगी। इसके अलावा जरूरत पडऩे पर आप अपने HUF को लोन भी दे सकते हैं। HUF को गैर-रिश्तेदारों से प्राप्त सालाना 50,000 रुपए तक के उपहार पर टैक्स में छूट मिलती है।
आज ही शुरू करें HUF: अगर आपने अब तक HUF नहीं बनाई है तो यही सही वक्त है, जब आप अपने
परिवार का टैक्स बचाने के लिए HUF की प्लानिंग करें। HUF बनाने के
बाद एचयूएफ के नाम पर बैंक अकाउंट खोलने और उसके बाद इसकी गतिविधियां शुरू
करने का समय शुरू होगा। आपकी HUF कोई भी व्यापार शुरू कर सकती है या फिर
किसी पार्टनरशिप फर्म का हिस्सा भी बन सकती है। इसी तरह आपकी HUF स्टॉक
मार्केट में पैसा लगा सकती है या म्यूचुअल फंड खरीद सकती है। अपने HUF
के नाम पर परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) हासिल करना न भूलें। इसके लिए फॉर्म
संख्या 49ए भरना होगा।
कैसे मिलेंगे लाभ: HUF को भी धारा 80सी के तहत टैक्स में डिडक्शन का लाभ प्राप्त
करने का अधिकार है। इसे पाने के लिए HUF सदस्यों के नाम पर जीवन बीमा
पॉलिसी ले सकते हैं। HUF और इसके किसी एक सदस्य के नाम पर लोन पर संयुक्त रूप से
आवासीय संपत्ति खरीदी जा सकती है। लिए गए लोन पर ब्याज की मद में डेढ़-डेढ़
लाख रुपए तक की छूट का फायदा मिलेगा।
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साभार: भास्कर समाचार
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