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बहुत साल बाद दो दोस्त रास्ते में मिले। धनवान दोस्त ने अपनी लग्जरी गाड़ी पार्क की और गरीब मित्र से बोला, "चल इस गार्डन में बैठकर बात करते हैं।" काफी देर बातें हुईं। उसके बाद चलते-चलते अमीर दोस्त ने गरीब दोस्त से कहा, "तुझमें और मुझमें बहुत फर्क है। हम दोनों साथ में पढ़े, साथ में बड़े हुए। मैं कहाँ पहुँच गया और तू कहाँ रह गया? तभी चलते-चलते गरीब दोस्त अचानक रुक गया। अमीर दोस्त ने पूछा, "क्या हुआ?" गरीब दोस्त ने कहा तुझे कुछ आवाज सुनाई दी? अमीर दोस्त पीछे मुड़ा और पांच का सिक्का उठाकर बोला ये तो मेरी जेब से गिरा पांच के सिक्के की आवाज़ थी।गरीब दोस्त एक कांटे के छोटे से पोधे की तरफ गया जिसमे एक तितली पंख फडफडा रही थी। गरीब दोस्त ने उस तितली को धीरे से बाहर निकाला और आकाश में आज़ाद कर दिया। अमीर दोस्त ने आतुरता से पूछा, "तुझे तितली की आवाज़ कैसे सुनाई दी?" गरीब दोस्त ने नम्रता से कहा, "तुझमें और मुझमें यही फर्क है कि तुझे 'धन' की सुनाई दी और मुझे 'मन' की आवाज़ सुनाई दी।" अमीर दोस्त वास्तव में ही सोचने पर विवश हो गया कि आखिर असल में गरीब कौन है।
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साभार: अज्ञात लेखक
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