Post
published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: दैनिक भास्कर समाचार
केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री (एचआरडी मिनिस्टर) स्मृति जुबिन ईरानी की शैक्षणिक योग्यता के बहाने कांग्रेस ने एनडीए सरकार पर पहला निशाना साधा था। कांग्रेस की मीडिया सेल के इंचार्ज अजय माकन ने ट्विटर
का सहारा लेते हुए लिखा, "मोदी ने क्या कैबिनेट तैयार की है? एचआरडी
मिनिस्टर स्मृति जुबिन ईरानी ग्रैजुएट तक नहीं हैं। इलेक्शन कमिशन की साइट
पर उनके हलफनामे का पेज 11 देखिए!"
कांग्रेस के इस हमले से विवाद खड़ा हो गया था। बीजेपी ने इस मामले में जबर्दस्त पलटवार किया। बीजेपी के कैबिनेट मंत्री संतोष गंगवार ने कहा, "मैं
कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि सोनिया गांधी कितनी पढ़ी लिखी हैं?" एक
अन्य कैबिनेट मंत्री उमा भारती ने भी यही सवाल उठाया। हालांकि, खुद स्मृति
ने इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है। बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी
सोनिया गांधी और राहुल गांधी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन विडंबना यह है कि इस देश में एचआरडी मिनिस्टर क्या, सिर्फ 12
वीं पास दो-दो प्रधानमंत्री भी हुए हैं। संयोग से ये दोनों प्रधानमंत्री
(इंदिरा और राजीव गांधी) उसी कांग्रेस पार्टी से रहे हैं, जो स्मृति ईरानी
के 12 वीं पास होने पर ऐतराज जता रही है।
राजीव गांधी: 1982-83 के बीच के ब्रिटिश सरकार के गोपनीय दस्तावेज कुछ समय पहले
सामने आए थे। इसमें पीआरईएम (PREM) 19/799 के एनेक्सजर बी में राजीव गांधी
के बारे में जिक्र है। एक अखबार में छपे लेख के मुताबिक राजीव गांधी का
इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बेटे के रूप में गोपनीय दस्तावेज में जिक्र
है। गोपनीय दस्तावेज के मुताबिक राजीव दून स्कूल देहरादून और ट्रिनिटी
कॉलेज कैंब्रिज में पढ़ाई की। लेकिन उन्हें डिग्री नहीं मिली। गोपनीय
दस्तावेज के मुताबिक राजीव गांधी 1962-65 के बीच ब्रिटेन में रहे। इसी
गोपनीय दस्तावेज में राजीव गांधी के बारे आगे लिखा है, "वह कोई विद्वान
नहीं हैं और उन्हें अपनी डिग्री पूरी न कर पाने का अफसोस है।" हालांकि,
राजीव गांधी ने पायलट की ट्रेनिंग ली थी और उनके पास पायलट का लाइसेंस भी
था। राजीव गांधी 1984 से लेकर 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी राजीव गांधी को कंप्यूटर क्रांति का जनक भी बताते हैं। आज देश में दर्जनों उच्च शिक्षण संस्थाएं राजीव गांधी के नाम पर चल रही हैं।
इंदिरा गांधी: इंदिरा गांधी 30 के दशक में पढ़ने के लिए ब्रिटेन पहुंची थीं। इंदिरा
के बारे में कहा जाता है कि वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी पहली प्रवेश
परीक्षा में फेल हो गई थीं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों के
हवाले से एक अखबार ने अपनी खबर में कहा, "1937 में इंदिरा गांधी ऑक्सफोर्ड
यूनिवर्सिटी के समरविल कॉलेज में पढ़ने के लिए पहुंची थीं। वे यहां तीन
टर्म रहीं। उन्होंने यहां फ्रेंच, कानून और राजनीति जैसे विषयों में पहले
साल की परीक्षा पास की थी।" इंदिरा गांधी देश की सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक रहीं। उनका
कार्यकाल विवादों के बावजूद बहुत कामयाब माना जाता है। दुनिया की सबसे बड़ी
ओपन यूनिवर्सिटी - इग्नू इंदिरा गांधी के नाम पर चलती है। देश के कई आला
शिक्षण संस्थान इंदिरा गांधी के नाम पर चल रहे हैं।
मंत्री या सांसद बनने के लिए पढ़े-लिखे होना जरूरी नहीं: देश के संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था बनाई है, उसके मुताबिक किसी
मंत्री या सांसद के लिए पढ़े-लिखे होना जरूरी नहीं है। केंद्र सरकार में
मंत्री संसद का सदस्य होता है (अगर वह सदस्य नहीं है तो तय समय सीमा में
उसे सदस्य बनना पड़ता है)। नियम के मुताबिक संसद का सदस्य होने के लिए
शैक्षणिक योग्यता की कोई बंदिश नहीं होती है।
मधु किश्वर ने शुरू किया था विवाद: मोदी समर्थक मानी जाने वाली नारीवादी लेखक और पत्रकार मधु किश्वर ने
सबसे पहले स्मृति ईरानी की पढ़ाई लिखाई को लेकर उठे विवाद को हवा दी थी।
उन्होंने बीते मंगलवार को ट्विटर
पर कई ट्वीट कर स्मृति ईरानी के सिर्फ 12 वीं पास होने के बावजूद एचआरडी
मिनिस्टर बनाए जाने पर आपत्ति जताई। किश्वर ने ट्विट किया, 'स्मृति
12वीं पास हैं और क्या ऐसे व्यक्ति को एजुकेशन मिनिस्टर बनाया जा सकता
है?' हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वहीं दूसरी
ओर जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ईरानी के समर्थन में उतर आए।
अबदुल्ला ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा कि एचआरडी मिनिस्टर का शिक्षित
होने की बात कहना कुछ वैसा ही है, जैसा कि यह कहना कि एविएशन मिनिस्टर
बनने के लिए पायलट होना और कोयला मंत्री बनने के लिए खदान में काम करने
वाला होना चाहिए। हालांकि, अगले ही ट्वीट में उन्होंने साफ किया शिक्षित
शब्द का मतलब उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति से है।
देश/ दुनिया के मशहूर लोग जो नहीं हैं ग्रैजुएट:
सचिन तेंडुलकर (भारत रत्न)
लता मंगेशकर (भारत रत्न)
लता मंगेशकर (भारत रत्न)
महेंद्र सिंह धोनी (भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान)
रवींद्र नाथ टैगोर (मशहूर साहित्यकार)
के. कामराज (कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष)
विंस्टन चर्चिल (ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री)
हेनरी ट्रूमैन (अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति)
हेनरी फोर्ड (फोर्ड मोटर्स के संस्थापक)
स्टीव जॉब्स (एपल के संस्थापक)
Post
published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: दैनिक भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our
Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE