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published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: आचार्य बल कृष्ण महाराज
बच्चों का थोड़ा बड़े होने पर बिस्तर में सोते समय पेशाब करना एक आम
समस्या है। इस समस्या के बहुत से कारण हो सकते हैं। कई अनुभवियों के
अनुसार स्नायु विकृति के कारण या पेट में कीड़े होने पर भी बच्चे सोते हुए
बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं। पेशाब की नली में रोग के कारण भी बच्चा सोते
हुए पेशाब कर देता है। कई बार कुछ गरिष्ठ भोजन व ठंडे पदार्थों के अधिक
सेवन से भी यह समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या को समाप्त करने के
लिए कोई भी औषधि देने से पूर्व माता-पिता
को बच्चे के भोजन की कुछ आदतें सुधारनी जरूरी हैं। बच्चों को
सोने से एक
घंटा पहले भोजन करा देना चाहिए और सोने के बाद उसे जगाकर कुछ भी खाने-पीने
को नहीं देना चाहिए। बच्चे को बिस्तर पर जाने से पहले एक बार पेशाब अवश्य
करा देना चाहिए। इसके अतिरिक्त कुछ औषधियों द्वारा भी इस समस्या का समाधान सम्भव है: - पचास ग्राम अजवायन का चूर्ण कर लें। प्रतिदिन एक ग्राम चूर्ण को रात को सोने से पूर्व बच्चे को खिलाएं। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित रूप से करने से यह रोग ठीक हो जाता है।
- दो मुनक्कों के बीज निकालकर उसमें 1-1 काली मिर्च डालकर बच्चों को रात को सोने से पहले खिला दें। ऐसा दो हफ़्तों तक नियमित रूप से सेवन करने से यह बीमारी दूर हो जाती है।
- प्रतिदिन दो अखरोट और बीस किशमिश बच्चों को खिलाने से बिस्तर में पेशाब करने की समस्या दूर हो जाती है।
- रात को सोते समय बच्चों को शहद खिलाने से यह रोग समाप्त हो जाता है।
- जामुन की गुठलियों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें। इस चूर्ण का 2-2 ग्राम दिन में दो बार पानी के साथ सेवन करने से बच्चे बिस्तर पर पेशाब करना बंद कर देते हैं।
- 250 मिली दूध में एक छुहारा डालकर उबाल लें। इसे दो घंटे तक रखा रहने दें। इसके बाद इसमें से छुहारा निकाल कर बच्चे को खिला दें और इस दूध को हल्का गर्म करके ऊपर से पिला दें। ऐसा प्रतिदिन करने से कुछ ही दिनों में बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करना बंद हो जाता है।
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