Friday, June 27, 2014

अगले पांच सालों में भारत समेत दर्जनों देशों पर काली छाया



इराक में कत्लेआम मचाने वाले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड अल-शाम (आईएसआईएस) की नापाक नजर अब भारत पर है। इस जिहादी संगठन की महत्वाकांक्षी योजना खुलकर सामने आ रही है। दरअसल, सोशल मीडिया में इन दिनों विश्व के नए नक्शे ने खलबली मचा रखी है। बताया जा रहा है कि ये नक्शा आईएसआईएस ने रिलीज की है, जिसमें उसकी पंचवर्षीय योजना का जिक्र है। जिन देशों को काले हिस्से में दिखाया गया है, वहां आने वाले पांच सालों में आईएसआईएस कब्जा जमाना चाहता है। नक्शे में अफ्रीका का शीर्ष आधा भाग, इजराइल समेत पूरा मध्य पूर्व, तुर्की, भारत, बांग्लादेश और इंडोनेशिया का पूर्वी हिस्सा काले रंग में पुता हुआ है। उल्लेखनीय है कि इराक पर सुन्नी चरमपंथियों द्वारा हमला शियाओं को कुचलना मात्र नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में दहशत और जिहादी विचारधारा फैलाने की ओर भी इशारा कर रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आईएसआईएस के इस प्लान के तहत भारत और म्यांमार होते हुए ऑस्ट्रेलिया की ओर कूच करना है। गौरतलब है कि इस जिहादी संगठन ने इराक के दस से ज्यादा शहरों पर कब्जा जमा लिया है, जिसे रोकने में इराक की सेना नाकाम साबित हुई है। आईएसआईएस के लड़ाके जिस तेजी से इराक को रौंदते हुए उस पर कब्जा कर रहे हैं, उससे उसकी महत्वाकांक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है। बता दें कि 2004 में ही सुन्नी चरमपंथियों ने इराक को सुन्नी इस्लामिक स्टेट बनाने की ठान ली थी। आईएसआईएस इराक के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के लिए भी खतरे का सायरन साबित हो सकता है। 
सोशल मीडिया के जरिए प्रचार प्रसार: विशेषज्ञों के मुताबिक, आईएसआईएस काफी ऑर्गेनाइज्ड तरीके से काम को अंजाम देता है। आईएसआईएस ने जिहादी विचारधारा के प्रचार प्रसार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। कहा जाता है कि संगठन ने हर देश के लिए अलग-अलग पॉलिसी बनाते हुए वहां लोगों को काम पर लगाया हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आईएसआईएस ट्विटर पर भी सक्रिय है। ब्रिटेन के युवकों को भी इंटरनेट के जरिए ही जिहाद की लड़ाई में शामिल होने के लिए उकसाया जा रहा है। लिहाजा, तेजी से पांव पसारता यह संगठन, विश्व पटल पर चिंता का विषय बनता जा रहा है। ISIS के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
इराक में दहशत के आंकड़े: इस जिहादी संगठन ने 31 मार्च को 'अल-नाबा' नाम से अपने हालिया संस्करण का प्रकाशन किया, जिसमें 2012-13 में की गई सैन्य कार्रवाई के बारे में जानकारी दी गई है। 'अल-नाबा' से खुलासा हुआ कि 2013 में आईएसआईएस की आतंकी गतिविधियां बढ़ गई थीं। 400 पन्नों की इस रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे उसके लड़ाकों ने 4,000 से भी ज्यादा इम्प्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का इस्तेमाल किया। इराक में कुल 7,681 सैन्य कार्रवाई करने का दावा करने वाले इस संगठन ने 2013 में ही सैकड़ों हत्याएं की। 
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साभार: डीबी समाचार
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