Tuesday, June 24, 2014

रेल किराया बढ़ाने के बाद क्या होगा मोदी सरकार का अगला निशाना


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। मोदी सरकार ने पहले रेल यात्री और माल भाड़ा बढ़ाया और अब सरकार नैचुरल गैस की कीमतों में इजाफा करने की तैयारी कर रही है। सरकार ने रेल बजट से पहले ही इसकी शुरुआत रेल कि‍राया और माल भाड़ा बढ़ाने से कर दी है। अब देखना यह है कि‍ आम बजट से पहले सरकार कि‍न-कि‍न चीजों के दाम बढ़ाएगी। आइए देखते हैं कि‍ रेल कि‍राए के बाद क्‍या-क्‍या हो सकता हैं सरकार के अगले टारगेट:
गैस की कीमत बढ़ाने की तैयारी शुरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले पर फिर से वित्त मंत्री अरुण जेटली
और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान से मुलाकात की है। सूत्रों के मुताबिक, गैस कीमत में कितनी वृद्धि करने और संभावित गैस कीमत वृद्धि से महंगाई पर पड़ने वाले असर को लेकर चर्चा हुई है। सरकार गैस की मौजूदा कीमत 4.2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू और पिछली सरकार की तरफ से प्रस्तावित 8.4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के बीच कोई कीमत तय करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए दो नए फॉर्मूले बनाए गए हैं। सरकार कौन से फॉर्मूले को लागू करने का फैसला करती है, यह बहुत जल्द स्पष्ट हो जाएगा।  
टारगेट में पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी: अगर डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत 60 के स्तर पर रही तो कच्चे तेल की कीमत में प्रति बैरल एक डॉलर की बढ़ोत्तरी होने पर पेट्रोल का दाम 30 पैसे बढ़ाना पड़ेगा। ऐसे में पेट्रोल के दाम 1.50 रुपए बढ़ने की आशंका है। अगर कच्चे तेल की कीमतों में इस तरह इजाफा होता रहा तो तेल कंपनियों को पेट्रोल के दाम इससे ज्यादा भी बढ़ाने पड़ सकते हैं। वहीं, कच्चा तेल महंगा होने से डीजल की कीमतों में होने वाली 50 पैसे की मासिक मूल्य वृद्धि लंबे समय तक जारी रह सकती है। 
फर्टि‍लाइजर के दाम भी बढ़ने तय: रेल माल भाड़े में बढ़ोत्तरी की वजह से उर्वरक सब्सिडी बिल में भी 200 करोड़ रुपए सालाना की वृद्धि होगी। हर साल करीब 4.4 करोड़ टन उर्वरक के ट्रांसपोर्टेशन में 80 फीसदी रेल के माध्यम से ही भेजा जाता है। माल भाड़ा बढ़ने से उर्वरक की कीमतें भी प्रभावि‍त होंगी। आपको याद दि‍ला दें कि‍ सरकार ने अंतरिम बजट में उर्वरक सब्सिडी 67,970 करोड़ रुपए रखी है। 
एलपीजी सि‍लेंडर हि‍लाएगा घर का बजट: मोदी सरकार नए बजट में एलपीजी सिलेंडर की कीमतें बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। माना जा रहा है कि सिलेंडर की कीमतों में 10 रुपए मासिक की दर से बढ़ोत्तरी की जाएगी। फिलहाल इस समय सब्सिडी सहित एक सिलेंडर की कीमत 414 रुपए है और बिना सब्सिडी के 905 रुपए। अब अगर मोदी सरकार 7,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी में कटौती करती है तो ऐसे में प्रति सिलेंडर 10 रुपए मासिक वृद्धि‍ तय मानी जा रही है।
स्‍टील के दाम होंगे और सख्‍त: रेल माल भाड़े में हुई 6.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी का असर दूसरी चीजों पर भी पड़ेगा। इसका सबसे पहला असर स्‍टील पर पड़ेगा। इस वजह से बाजार में स्टील के दाम में 600 रुपए प्रति टन का इजाफा हो सकता है, क्योंकि उन्हें कच्चे उत्पाद के ट्रांसपोर्ट पर अब ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा। 
कोयला भी करेगा परेशान: वि‍शेषज्ञों के मुताबि‍क, माल भाड़ा 6.50 फीसदी बढ़ने से कोयले के प्रति‍ कि‍मी, प्रति‍ टन कि‍राया 1.34 रुपए हो जाएगा, जबकि‍ पहले यह 1.25 रुपए था। आसान शब्‍दों में कहा जाए तो केवल एक टन कोयला उड़ीसा से दि‍ल्‍ली लेकर आने पर करीब 1,154 रुपए ज्‍यादा खर्च करने होंगे। वहीं, उन्‍होंने यह भी कहा कि‍ देसी कोयले से ज्‍यादा सस्‍ता वि‍देशों से आयात कि‍या कोयला सस्‍ता होगा। 
बि‍जली के लि‍ए देने पड़ सकते हैं ज्‍यादा पैसे: रेल माल भाड़ा बढ़ने से कोयले की कीमत में प्रति‍ टन, प्रति‍ कि‍लोमीटर इजाफा होना तय है। यदि‍ कोयला महंगा हुआ तो बि‍जली पैदा करने वाली कंपनि‍यों की लागत में इजाफा होगा। ऐसे में नि‍जी कंपनि‍यों और सरकारी कंपनि‍यों के पास बि‍जली के दाम बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। वैसे भी दि‍ल्‍ली, पंजाब और मध्‍य प्रदेश ने बि‍जली के दाम बढ़ाने के संकेत दि‍ए हैं।

साभार: दैनिक भास्कर समाचार
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