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अनुभव के आधार पर नव चयनित पीजीटी का भविष्य शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त तय करेंगी। शिक्षा निदेशालयपीजीटी की नियुक्तियों को लेकर गेंद एक बार गेंद उनके पाले में फेंकने जा रहा है। 18 से 20 जून तक किए गए पीजीटी के शैक्षणिक दस्तावेजों के पुन: सत्यापन की रिपोर्ट निदेशालय से सोमवार को वित्तायुक्त के पास भेज दी जाएगी। रिपोर्ट के आकलन पर ही तय होगा कि पीजीटी नियुक्ति पाने के हकदार हैं या नहीं। शिक्षा निदेशालय पीजीटी के अनुभव प्रमाणपत्रों पर संदेह होने के कारण ही उनकी नियुक्ति रोके हुए है। इससे पहले भी अनेक बार अनुभव प्रमाणपत्र व अन्य दस्तावेजों की जांच कराई जा चुकी है। इस बार शिक्षा निदेशालय ने सत्यापन कार्य के लिए अतिरिक्त निदेशक एमके आहूजा के नेतृत्व में छह सदस्यीय समिति गठित की हुई थी। समिति ने तीन दिन में 364 पीजीटी के अनुभव व अन्य प्रमाणपत्रों की गहनता से जांच की। जांच में बाकायदा पीजीटी व जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ ही प्रमाणपत्र देने वाले स्कूल के मुखिया को भी शामिल किया गया। समिति ने जांच-पड़ताल के दौरान चयनित पीजीटी से कोई सवाल नहीं किया। समिति के अध्यक्ष अतिरिक्त निदेशक एमके आहूजा ने अपनी रिपोर्ट सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक विवेक अत्रे को सौंप दी है। रिपोर्ट में दस्तावेजों के प्रमाणिक होने या न होने को लेकर की गई टिप्पणी गोपनीय रखी गई है। सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक विवेक अत्रे ने बताया कि नव चयनित पीजीटी के प्रमाणपत्रों की जांच का काम पूरा हो चुका है। सोमवार को नियुक्ति संबंधी फाइल विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन को भेज दी जाएगी। उनके आदेशानुसार ही आगामी कार्रवाई अमल में लाएंगे। उधर, नव चयनित पीजीटी शिक्षक जल्द नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग कर रहे हैं।
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