Sunday, June 29, 2014

ऐसे भरी जाएगी ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न



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सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने ई-रिटर्न फाइल करने वाले करदाताओं की सुरक्षा के लिए नए सिक्योरिटी फीचर अपनाए हैं। अब ई-रिटर्न भरने के इच्छुक करदाता को पिन नंबर भी बताना होगा। यह आयकर विभाग (आईटी) की वेबसाइट पर पंजीकरण के समय मिलने वाला पिन नंबर होगा। फिलहाल यह ऐच्छिक रखा गया है। आईटी के पोर्टल पर मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी पंजीकरण करवा करवाना होता है। लॉगइन करने के लिए हर सेक्शन के लिए अब मोबाइल व ई-मेल पर एक पिन नंबर भेजा जाएगा। इस पिन को डालने के बाद ही संबंधित सेक्शन में लॉगइन करना संभव होगा।  करदाता की गोपनीयता व उसे गोलमाल व जालसाजी से बचाने के लिए यह व्यवस्था लागू की जा रही है। विभाग का मानना है कि इसके लागू होने से अब जालसाजी करना या किसी और का रिटर्न फाइल करना मुमकिन नहीं रहेगा।
अब क्या है व्यवस्था: मौजूदा स्थिति में किसी व्यक्ति का पैन नंबर, जन्म तिथि जैसी प्राथमिक जानकारी होने पर किसी भी करदाता की ई-फाइलिंग का पासवर्ड बदले जाने की संभावना रहती है। कोई व्यक्ति दूसरे करदाता के अकाउंट में जाकर उसका डाटा देख सकता है। ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें किसी दूसरे का रिटर्न फाइल कर अतिरिक्त आय दिखा दी गई। ऐसे में करदाता को आईटी विभाग की नोटिस सहित कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। इसे रोकने के लिए ही सीबीडीटी ने यह कदम उठाया है। फिलहाल इसे वैकल्पिक रखा गया है। 
आपको इस तरह मिल सकता है पिन:
  • करदाता को अपना मोबाइल नंबर व ई-मेल वेबसाइट पर रजिस्टर करना होगा।
  • एक मोबाइल नंबर पर चार से अधिक करदाता पंजीकरण नहीं करवा सकेंगे। जाहिर है, ऐसे में कोई कंसल्टेंट सभी करदाताओं की ओर से अपना नंबर नहीं दे सकेगा।
  • ई-फाइलिंग करदाता स्वयं कर रहा है या सीए अथवा टैक्स प्रैक्टिशनर की मदद ले रहा है, यह बताना होगा।
  • ई-फाइलिंग करते समय ही एक पिन नंबर मोबाइल तथा दूसरा ई-मेल पर आएगा।
  • इन दोनों नंबर को डालने पर ही लॉगइन किया जा सकेगा।
  • यह पिन नंबर एक सेशन तक ही वैध होंगे। दूसरी बार लॉगइन करने के लिए पुन: पिन जनरेट करवाना होगा।
करदाता-कंसल्टेंट दोनों को ही दिक्कत: अहमदाबाद के टैक्स कंसल्टेंट प्रमोद पोपट का कहना है कि टैक्स कंसल्टेंट के माध्यम से रिटर्न फाइल करवाने वालों को दिक्कत का सामना करना होगा। ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने के अंतिम दिनों में पिन नंबर जनरेट करने में करदाता एवं कंसल्टेंट दोनों को परेशानी होगी। अभी जनरेट होने वाले पिन में पांच रिटर्न फाइल होते हैं।


साभार: भास्कर समाचार
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