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published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: आचार्य बाल कृष्ण महाराज
गर्मी और बरसात के मौसम में फोड़े-फुन्सियाँ निकलना एक आम समस्या है। शरीर के रोम कूपों में 'एसको' नामक जीवाणु इकठ्ठे हो जाते हैं जो संक्रमण
पैदा कर देते हैं जिसके कारण शरीर में जगह-जगह फोड़े-फुन्सियां
निकल आती हैं। इसके अलावा खून में खराबी पैदा होने की वजह से, आम इत्यादि के अधिक
सेवन से, मच्छरों के काटने से या कीटाणुओं के फैलने के कारण भी फुन्सियां
निकल आती हैं। भोजन में गर्म पदार्थों के अधिक सेवन से भी फोड़े-फुन्सियाँ
निकल आते हैं। फोड़े-फुन्सियाँ
होने पर भोजन में अधिक गर्म पदार्थ, मिर्च-मसाले, तेल, खट्टी चीज़ें और अधिक
मीठी वस्तुएं नहीं खानी चाहियें। फोड़े-फ़ुन्सियों को ढककर या पट्टी बांधकर
ही रखना चाहिए। आइए अब देखते हैं कि इन फोड़े-फुंसियों का विभिन्न औषधियों
से उपचार कैसे किया जा सकता है: - नीम की 7-8 पकी निम्बौलियों को 2 से 3 बार पानी के साथ सेवन करने से फुन्सियाँ शीघ्र ही समाप्त हो जाती हैं।
- नीम की पत्तियों को पीसकर फोड़े-फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है।
- दूब को पीसकर लेप बना लें। पके फोड़े पर यह लेप लगाने से फोड़ा जल्दी फूट जाता है।
- खून के विकार से उत्पन्न फोड़े-फुन्सियों पर बेल की लकड़ी को पानी में पीसकर लगाने से लाभ मिलता है।
- तुलसी और पीपल के नए कोमल पत्तों को बराबर मात्रा में पीस लें। इस लेप को दिन में तीन बार फोड़ों पर लगाने से फोड़े जल्दी ही नष्ट हो जाते हैं।
- फोड़े में सूजन, दर्द और जलन आदि हो तो उसपर पानी निकाले हुए दही को लगाकर ऊपर से पट्टी बांधनी चाहिए। यह पट्टी दिन में तीन बार बदलनी चाहिए, लाभ होता है।
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