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published at www.nareshjangra.blogspot.comजानना चाहा था कि वे भ्रूण हत्या रोकने के लिए क्या करेंगी? जवाब में केंद्रीय मंत्री ने उक्त बात कही। स्मृति ने कहा कि उन्होंने आज तक इसका जिक्र किसी से नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वे तीन बहनें हैं और यकीन के तौर पर कह सकती हैं कि बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कमतर नहीं हैं।
हायर सेकंडरी के एक छात्र ने स्मृति ईरानी से सवाल किया कि
कोचिंग जैसे शिक्षक हमें क्यों नहीं मिलते? इस पर मानव संसाधन मंत्री बोलीं
कि उनका बेटा आठवीं में और बेटी पांचवीं में पढ़ती है। मां के नाते उन्हें
भी इस बात की चिंता सताती है कि बच्चों को स्कूल में वैसी ही शिक्षा मिले,
जैसी कोचिंग में मिलती है। केंद्रीय मंत्री ने इसके लिए शिक्षकों की
ट्रेनिंग का नेशनल मिशन लांच करने तथा उनकी केपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में
काम करने की जरूरत बताई।
केंद्रीय मंत्री से एक अन्य छात्र ने उनकी सफलता से जुड़ा
सवाल पूछा था। स्मृति ने जवाब दिया कि वे अपने आप को अपेक्षा के अनुरूप सफल
नहीं मानतीं। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षक के समान परिश्रम कर सफलता
प्राप्त करना होगी। क्योंकि मेहनत और लगन के साथ काम कर ही व्यक्ति जीवन
में सफल हो सकता है। एक छात्रा के सवाल के जवाब में उन्होंने
कहा कि देश भर के स्कूलों में एक ही बोर्ड के तहत पढ़ाई के लिए एजुकेशन
पॉलिसी का रिवीजन किया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों से भी सुझाव लिए
जाएंगे।
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साभार: भास्कर समाचार
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