Thursday, June 19, 2014

हरियाणा में ग्रुप सी और डी के तीन साल के कर्मचारी होंगे पक्के, रेगुलराइजेशन पॉलिसी मंजूर

साभार: अमर उजाला समाचार
हरियाणा सरकार ने ग्रुप सी और डी पदों पर काम कर रहे तीन साल के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की रेगुलराइजेशन पॉलिसी मंजूर कर दी है। तीन साल की सेवा 28 मई, 2014 को पूरी होनी चाहिए। कर्मचारी यूनियनों की मांग थी कि पंजाब की तर्ज पर पॉलिसी बनाई जाए। हरियाणा सरकार ने उसमें भी कुछ छूट देते हुए पॉलिसी मंजूर की है। प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी या सरकार द्वारा अनुमोदित एजेंसी के माध्यम से अनुबंध आधार पर कार्यरत ग्रुप ‘सी’ और ग्रुप ‘डी’ के ऐसे कर्मचारियों की सेवाएं नियमित की जाएंगी। बशर्ते कर्मचारी नियुक्ति की तिथि वाले दिन न्यूनतम योग्यताएं रखता हो। जिस पद पर रेगुलर किया जाना है, वह स्वीकृत हो। अगर रेगुलराइजेशन के बाद आरक्षित वर्ग के रोस्टर को सामान्य या अन्य वर्ग द्वारा भरा गया है तो आगे रिक्त होने वाले पद आरक्षित वर्ग से भरे जाएंगे। कर्मचारी का कार्य और आचरण संतोषजनक होना चाहिए। रेगुलर होने वाले कर्मचारी पर अंशदान पेंशन स्कीम लागू होगी। चिकित्सा प्रमाण पत्र और जन्म तिथि का दस्तावेजी सबूत देना होगा। अगर पुलिस वेरीफिकेशन नहीं हुई हो तो करवाई जाएगी। जिन पदों पर रेगुलर किए जाएंगे, वे पद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग या समक्ष प्राधिकारी के कार्य क्षेत्र से बाहर रखे गए हैं। रेगुलर होने वाले कर्मचारियों की वरिष्ठता रेगुलर होने वाली तिथि से नियत होगी। पहले से रेगुलर अंतिम कर्मचारी के बाद उनकी वरिष्ठता तय होगी। रेगुलर होने वाले कर्मचारियों में पहले सेवा में आने वाला कर्मचारी वरिष्ठ होगा। अगर एक ही दिन सेवा में आए होंगे तो ज्यादा उम्र वाला सीनियर माना जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि एकमुश्त लोक उपकारी आधार पर यह नीति लागू का जी रही है। भविष्य में स्वीकृत पदों पर एडहॉक या कांट्रैक्ट आधार पर नियुक्ति नहीं की जाएगी। 
2011 की पॉलिसी में संशोधन हुआ: ग्रुप सी और डी कर्मचारियों के लिए सरकार ने 29 जुलाई, 2011 को जारी रेगुलराइजेशन पॉलिसी के बिंदु एक के उप बिंदु तीन में संशोधन करते हुए उन 10 साल की सेवा वाले कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का लाभ दिया है जो 10 अप्रैल, 2006 को दस साल की सेवा पूरी होने के बावजूद इसलिए पक्के नहीं हो सके थे क्योंकि पालिसी के अनुसार उनका नाम रोजगार कार्यालय या विभागीय चयन समिति से विज्ञापन जारी करने के बाद नियुक्ति नहीं हुई थी। अब यह शर्त हटा दी गई है और सिर्फ यह लिखा है कि वे कर्मचारी स्वीकृत पदों पर रेगुलर होंगे।
पुरानी नीतियों में छूट गए कर्मचारी रेगुलर होंगे: सरकार ने ग्रुप सी और डी के कच्चे कर्मचारियों को पुरानी नीतियों के तहत पक्का करने की नीति भी मंजूर की है। जो कर्मचारी किसी कारण से पुरानी नीतियों में पक्का होने से वंचित रह गए थे, अगर वे न्यूनतम योग्यताएं पूरी करते होंगे तो नियमित होने वाली तिथि से पुरानी नीतियों में रेगुलर हो जाएंगे।
साभार: अमर उजाला समाचार
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