साभार: जागरण समाचार
महिलाओं के लिए सभी जिलों में अलग थाने बनाने वाला हरियाणा लोकसभा चुनाव में नई पहल करने जा रहा है। पहली बार सभी विधानसभा क्षेत्रों में सखी मतदान केंद्र बनाए जाएंगे जिनमें कोई पुरुष कर्मचारी नहीं होगा।
सभी कर्मचारी महिलाएं होंगी। इसके अलावा किसी भी मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए गर्भवती और तीन साल तक के बच्चों के साथ आने वाली महिलाओं को लाइन नहीं लगानी पड़ेगी।
महिला सशक्तीकरण की कड़ी में चुनाव आयोग ने यह व्यवस्था की है। सखी मतदान केंद्रों का संचालन केवल महिलाओं द्वारा किया जाएगा। इससे यह संदेश जाएगा कि महिलाएं न केवल चुनाव में भाग ले सकती हैं, बल्कि चुनाव को बहुत अच्छी तरीके से करा भी सकती हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर महिलाओं के लिए अलग लाइन की व्यवस्था होगी। लाइन में महिलाओं की संख्या अगर 15 से ज्यादा हुई तो एक पुरुष के बाद दो महिलाओं को वोट डलवाया जाएगा ताकि उन्हें गर्मी में खड़ा न रहना पड़े। महिला शौचालय की भी सुविधा रहेगी।
दिव्यांग महिलाओं के लिए मतदान केंद्र तक लाने और घर छोड़ने के लिए वाहन दिया जाएगा। व्हीलचेयर की जरूरत हुई तो यह भी मिलेगी। इसके अलावा सभी मतदान केंद्रों पर रैंप की व्यवस्था भी की जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव रंजन ने कहा कि स्वयं सहायता समूह और आंगनबाड़ी वर्करों द्वारा महिलाओं को मतदान के प्रति जागरुक करने का काम किया जा रहा है।
काटरून से बता रहे वोट का महत्व: युवा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। मतदान के लिए उत्साहित करने वाले काटरून और वीडियो सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे हैं। शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के साथ सरकारी अधिकारियों के संवाद कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों को लोकतंत्र में वोट के महत्व की जानकारी मिले। मतदान वाले दिन युवाओं को स्याही लगी उंगली के साथ सेल्फी खिंचवाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।