साभार: जागरण समाचार
पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के परिवार में राजनीतिक टशन गहराती जा रही है। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद ओमप्रकाश चौटाला और अजय सिंह चौटाला की पैरोल इस बार परिवार में टकराव
की बड़ी वजह बनी है। बड़े चौटाला की पैरोल रद होने के बाद अजय चौटाला के परिजन निशाने पर हैं, जबकि वे सफाई दे चुके कि न्याय प्रक्रिया में किसी का कोई दखल नहीं होता।
जननायक जनता पार्टी के संरक्षक डा. अजय सिंह चौटाला को 21 दिन की फरलो (छुट्टी) मिली है, जबकि उनके पिता इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की पैरोल याचिका खारिज हो गई है। दिल्ली सरकार की आपत्ति के बाद खारिज चौटाला की पैरोल याचिका को इनेलो ने बड़ा मुद्दा बनाया है। पिता-पुत्र दोनों ही जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा काट रहे हैं। ओमप्रकाश चौटाला ने अपनी पत्नी स्नेहलता की बीमारी का हवाला देते हुए उनके साथ समय बिताने को लेकर पैरोल मांगी थी, जबकि दिल्ली सरकार के वकील ने इसे राजनीतिक कारणों से जोड़ते हुए पैरोल खारिज कराने की अर्जी दी है।
इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने मंगलवार को कहा कि आम आदमी पार्टी और जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन होते ही अजय सिंह चौटाला की छुट्टी आश्चर्यजनक ढंग से मंजूर हो गई, जबकि इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की पैरोल याचिका में अडंगा डाल दिया गया है। उन्हें राजनीतिक दुर्भावना के तहत जेल से बाहर नहीं आने दिया जा रहा है। दोनों नेताओं ने कहा कि पहले भी जींद उपचुनाव के दौरान इसी तरह से चौटाला को फरलो पर नहीं आने दिया गया। यह राजनीतिक साजिश के तहत हो रहा है और वे लोग इसमें लगे हैं, जिन्हें चौटाला ने राजनीतिक व पारिवारिक रूप से हमेशा आगे रखा है। आप व जेजेपी का गठबंधन इसी शर्त पर हुआ कि चौटाला को बाहर न आने दिया जाए। उनकी सजा का काफी हिस्सा पूरा हो चुका है। नियमों के बावजूद दिल्ली सरकार दुर्भावना के तहत उन्हें रिहाई नहीं दे रही है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहंिदू का कहना है कि किसी भी व्यक्ति तो न्यायपालिका पर अंगुली उठाने का हक नहीं है।