साभार: जागरण समाचार
हरियाणा में हेडमास्टरों को 1 जनवरी, 1996 से पांचवे वेतन आयोग की वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलने पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है। हाई कोर्ट ने चेतावनी देते हुए आदेश दिए कि अगर
अगली सुनवाई तक याची को वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलता तो शिक्षा सचिव को 50 हजार रुपये का जुर्माना भुगतना होगा। मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी। इस मामले में हेडमास्टरों की याचिका पर हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सभी हेडमास्टरों को जनवरी, 1996 से पांचवे वेतन आयोग का लाभ दिए जाने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद 38 महीने का बकाया नहीं मिलने पर रेवाड़ी के जगत सिंह यादव ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी। इस पर हरियाणा सरकार ने वर्ष 2017 में हाई कोर्ट में कहा था कि याची की वेतन विसंगति दूर कर 38 महीने का बकाया लाभ देने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। हरियाणा सरकार के इस जवाब के बाद लगभग दो साल बाद भी याची को वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिला। क्ष पर अवमानना याचिका को पुन:जीवित किए जाने की अर्जी दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस निर्मलजीत कौर ने स्पष्ट किया है कि अगर अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता का बकाया नहीं चुकाया गया तो शिक्षा सचिव स्वयं अदालत में पेश होकर जवाब दें। हाईकोर्ट ने उन पर अगली सुनवाई पर 50 हजार का जुर्माना किए जाने की भी चेतावनी दी है।