Wednesday, April 3, 2019

हैवीवेट मंत्रियों को नजरअंदाज करना होगा मुश्किल, BJP ने फिर बदली रणनीति

साभार: जागरण समाचार 
लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए हरियाणा में हैवीवेट मंत्रियों को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा। यही कारण है कि भाजपा कैबिनेट मंत्रियों को टिकट न देने की रणनीति में पार्टी बदलाव करती दिख रही है। मनोहर
सरकार में हैवीवेट मंत्री संगठन की उस राय से नाराज हैं, जिसमें उन्हें लोकसभा चुनाव से अलग रखने का संकेत दिया जा रहा है। सीनियर मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर चुके तो आधा दर्जन मंत्री ऐसे हैं, जो लोकसभा चुनाव लडऩे का इरादा रखते हैं और संगठन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। 
हैवीवेट मंत्रियों को नजरअंदाज करना होगा मुश्किल, भाजपा ने फिर बदली रणनीतिसंगठन की सिर्फ राज्य मंत्रियों पर ही दांव खेलने की राय अचानक बदली: हैवीवेट मंत्रियों की नाराजगी के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने  शनिवार को बयान दिया था कि राज्य के कैबिनेट स्तर के मंत्रियों को चुनाव से अलग रखा जा सकता है। उनके इस बयान के बाद चुनाव लड़ने के तलबगार कई मंत्रियों ने सुभाष बराला से अलग-अलग बातचीत की, जिसके बाद उन्हें सफाई देनी पड़ी कि मीडिया ने उनकी बात को गलत अंदाज में पेश किया है।
रामबिलास, कैप्टन अभिमन्‍यु, ओमप्रकाश धनखड़, विपुल गोयल और राजीव जैन टिकटों की दौड़ में: शिक्षा मंत्री संसदीय कार्य मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा करनाल और भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीटों से टिकट के दावेदार हैं। केंद्र में उनकी कई मंत्रियों के साथ बातचीत चलने की जानकारी मिल रही है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु हिसार अथवा रोहतक लोकसभा सीट से टिकट चाहते हैं। कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को पार्टी रोहतक में लड़ाने पर विचार कर सकती है। दोनों की हाईकमान में मजबूत पकड़ है तथा दोनों संगठन के निचले पायदान से उठकर सरकार तक पहुंचे हैं।
राज्य के उद्योग मंत्री विपुल गोयल फरीदाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। हालांकि यहां केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का टिकट फाइनल है, लेकिन विपुल गोयल की तैयारी को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन खुद सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के दावेदारों में शामिल नहीं हैैं, लेकिन उनके पति सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन यहां से गैर जाट चेहरे के रूप में बड़ा नाम हो सकते हैं।
सुभाष बराला के हिसार और अनिल विज के अंबाला से चुनाव लड़ने की कयासबाजी तेज: केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की कर्मस्थली अंबाला से कई बार विधायक बने मनोहर सरकार के सीनियर मंत्री अनिल विज को पंजाबी होने का लाभ मिल सकता है। पार्टी के पास उन्हें किसी हैवीवेट उम्मीदवार के सामने अड़ाने का विकल्प खुला है। प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के खुद हिसार से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैैं। राज्यमंत्रियों में शामिल कृष्ण कुमार बेदी सिरसा, मनीष ग्रोवर रोहतक और नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र में लोकसभा टिकटों के दावेदारों में शामिल हैं।
मैंने कभी नहीं कहा कोई मंत्री चुनाव नहीं लड़ सकता - बराला: मैंने यह कभी नहीं कहा कि कोई मंत्री चुनाव नहीं लड़ सकता। मेरी बात को मीडिया में गलत ढंग से पेश किया गया है। किसी को भी चुनाव लड़ाने या नहीं लड़ाने का फैसला संगठन का होता है। पार्टी जिसे उपयुक्त उम्मीदवार मानेगी, उसे ही चुनाव लड़वाया जाएगा। चुनाव लड़ने का हक किसी भी मंत्री, पदाधिकारी और कार्यकर्ता का है। उस पर किसी तरह का कुठाराघात नहीं हो सकता। पार्टी के पास तमाम ऐसे बड़े चेहरे हैं, जो दूसरे दलों की रणनीति को ध्वस्त करने का माद्दा रखते हैं।