साभार: जागरण समाचार
हिसार लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनावी समर में कूदे केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह के आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह की वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) पर पेंच फंस सकता है। नियमों के मुताबिक 30 साल की
सेवाओं या 50 साल की उम्र के बाद ही कोई आइएएस प्रदेश सरकार को तीन माह का नोटिस देकर वीआरएस ले सकता है। बृजेंद्र सिंह ने 21 साल की सेवाओं के बाद ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है और वह भी बगैर किसी नोटिस के।
केंद्र सरकार ने नियमों में ढील देकर वीआरएस देने का रास्ता नहीं निकाला तो छोटे चौधरी के पास चुनाव लड़ने के लिए नौकरी से इस्तीफा देने के सिवाय कोई चारा नहीं बचेगा। 1972 में जन्मे बृजेंद्र सिंह 1998 बैच के आइएएस हैं। चंडीगढ़, पंचकूला और फरीदाबाद में डीसी रह चुके बृजेंद्र की आखिरी पोस्टिंग हैफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर रही। उनकी रिटायरमेंट वर्ष 2032 में होनी थी और अभी उनका 13 साल का कार्यकाल बाकी है।
नामांकन शुरू, वीआरएस नहीं मिली तो नौकरी से इस्तीफा देना मजबूरी: हरियाणा में छठे चरण में हो रहे मतदान के लिए मंगलवार को नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई जो 23 अप्रैल तक चलेगी। ऐसे में केंद्र को बृजेंद्र सिंह की वीआरएस पर एक सप्ताह में फैसला लेना होगा। तभी वह नामांकन कर सकेंगे। बहरहाल नियमों की मजबूरी के चलते उन्होंने प्रचार से दूरी बनाई हुई है। अगर बृजेंद्र सिंह कानूनी अड़चनों के चलते स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने में सफल नहीं हो पाते हैं तो वह आइएएस की सेवा से त्यागपत्र भी दे सकते हैं। हालांकि ऐसा करने से उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभों से हाथ धोना पड़ेगा।
एक्सपर्ट व्यू: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार की मानें तो कोई भी आइएएस अफसर अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति लाभ) नियम 1958 के नियम 16(2) अथवा नियम 16(2 ए) के अंतर्गत स्वैच्छिक सेवानिवृति ले सकता है। नियमों के मुताबिक कोई आइएएस अधिकारी 30 साल की क्वालीफाइंग सेवा या 50 साल की उम्र पूरी होने पर प्रदेश सरकार को तीन महीने का नोटिस देकर वीआरएस मांग सकता है। अगर अधिकारी निलंबित चल रहा है तो उसे केंद्र सरकार की स्वीकृति से ही रिटायर किया जा सकेगा। हालांकि नोटिस अवधि में छूट को लेकर कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।
- 30 साल की सेवा या 50 साल की उम्र के बाद ही आइएएस मांग सकते वीआरएस, तीन महीने का नोटिस जरूरी
- 20 साल की सेवा मामले में वीआरएस पर केंद्र की सहमति जरूरी, समय अवधि में छूट पर स्थिति स्पष्ट नहीं