Tuesday, April 16, 2019

'चौकीदार चोर है' कह कर फंस गए कांग्रेस चीफ, 22 अप्रैल तक सुप्रीम कोर्ट में देना होगा जवाब

साभार: जागरण समाचार 
चुनाव के मौसम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। राफेल फैसले में कोर्ट का नाम लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई गलत बयानबाजी ‘चौकीदार चोर है’ पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी
से जवाब तलब किया है।  
कोर्ट ने कहा कि जैसा कहा जा रहा है उस तरह की कोई टिप्पणी कोर्ट ने अपने फैसले में नहीं की थी। राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है। साथ ही ताकीद दी गई है कि राजनीतिक भाषण या मीडिया में वो बातें या टिप्पणियां न कही जाएं जो कोर्ट ने अपने फैसले में नहीं कही हों।
मामले पर 23 अप्रैल को फिर सुनवाई होगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की पीठ ने यह आदेश भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल आपराधिक अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। लेखी ने याचिका में कहा है कि गत सप्ताह राफेल मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने कोर्ट का नाम लेकर अपनी निजी राय व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री के लिए गलत बयानबाजी की। उनका आरोप है कि राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि चौकीदार नरेंद्र मोदी चोर हैं। जबकि कोर्ट ने फैसले में ऐसी कोई बात नहीं कही है। ऐसे में राहुल गांधी कोर्ट के नाम पर गंदी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कोर्ट की छवि खराब करने की कोशिश की है और न्यायिक प्रक्रिया में दखल दिया है इसलिए उन पर न्यायालय की अवमानना का मामला बनता है। सोमवार को लेखी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के सामने राहुल गांधी का कथित बयान पढ़ते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चौकीदार चोर है।’ जबकि कोर्ट ने अपने फैसले में ऐसा कुछ नहीं कहा है।
रोहतगी की दलीलों पर पीठ ने कहा कि कोर्ट के नाम पर यह गलत बयानबाजी है। कोर्ट ने कभी ऐसा नहीं कहा। याचिका पर विचार के बाद अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि वह इस बात को स्पष्ट करते हैं कि कोर्ट ने किसी भी समय न तो ऐसी टिप्पणी की है और न ही फैसले में ऐसी कोई बात दर्ज की है जैसा कि याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी द्वारा कहे जाने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने सिर्फ कुछ दस्तावेजों को विचार के लिए स्वीकार किए जाने के कानूनी मुद्दे पर फैसला दिया था, जिन दस्तावेजों को लेकर अटॉर्नी जनरल ने आपत्ति उठाई थी। कोर्ट ने राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है।
राफेल पर पकड़ा गया राहुल का झूठ, मांगें माफी - जावड़ेकर: राफेल सौदे पर राहुल गांधी की ओर से की गई टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट की नाखुशी सामने आने के बाद भाजपा ने उन पर तीखा हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के झूठ की पोल खोल दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए वह सारी बातें कहीं थी, जो कोर्ट ने कही ही नहीं थी। ऐसे में राहुल गांधी को राफेल सौदे पर लगातार बोले जा रहे अपने झूठ को लेकर माफी मांगनी चाहिए। जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी की ओर से की जा रही टिप्पणी पर पहले तो लगता था कि यह उनकी नासमझी है। पर अब साफ हो गया है, कि वह बदमाशी करते हैं।
ताकीद-भाषण या मीडिया में वे बातें न कहें जो कोर्ट ने नहीं कही हों: आदेश में कोर्ट के नाम पर गलत बयानबाजी करने से रोका गया है। कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट के नाम पर ऐसी कोई बात न कही जाए जिसे कोर्ट ने अपने आदेश में नहीं कहा है। कोर्ट ने लेखी को मामले में अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की छूट दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में पुनर्विचार याचिकाओं के साथ लगाए गए दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर गत 10 अप्रैल को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने लीक दस्तावेजों की चोरी से फोटो कॉपी कराए जाने को आधार देते हुए उन पर विचार नहीं किए जाने की अटॉर्नी जनरल की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा था कि पुनर्विचार याचिकाओं की मेरिट पर सुनवाई होगी और इन दस्तावेजों पर भी विचार होगा।