Tuesday, October 16, 2018

महंगे क्रूड से ग्लोबल विकास को खतरा - PM नरेंद्र मोदी

साभार: जागरण समाचार 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्चे तेल की महंगी और अस्थिर कीमत को ग्लोबल विकास की राह में बड़ी बाधा करार दिया है। उन्होंने दुनियाभर की दिग्गज तेल उत्पादक कंपनियों समेत अग्रणी देशों को आगाह किया है कि
अगर कच्चा तेल यूं ही महंगा बना रहेगा तो इससे ग्लोबल विकास की रफ्तार को बड़ा धक्का लग सकता है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को तेल व गैस क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ तथा सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद ए एल-फालिह के अलावा भारत सरकार के कई मंत्रलयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। बैठक में भारत ने कच्चे तेल का बहुत बड़ा ग्राहक होने के नाते तेल उत्पादक देशों से भुगतान में सहूलियत भी मांगी है। 
पेट्रोलियम मंत्रलय के सूत्रों के मुताबिक पीएम ने तेल उत्पादक देशों से खासतौर पर कहा कि महंगे क्रूड को लेकर तत्काल सतर्कता बरतने की जरुरत है क्योंकि यह वैश्विक विकास की दर को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने तेल का पर्याप्त उत्पादन होने के बावजूद इसकी कीमतों को उच्च स्तर पर बनाये रखने की नीति की आलोचना की और इसके लिए मार्केटिंग को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कच्चे तेल की कीमत तय करने में इसके खरीदार देश के हितों की अनदेखी किए जाने को लेकर अपनी आपत्ति भी जताई। साथ ही उन्होंने भारत जैसे विकासशील देशों के लिए भुगतान की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव पर भी जोर दिया है। माना जा रहा है कि इस बयान के जरिए भारत ने तेल उत्पादक देशों के सामने परोक्ष तौर पर यह प्रस्ताव रखा है कि वे भारतीय रुपये में भुगतान स्वीकार करने पर भी विचार करें। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने भी बाद में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में क्रूड की महंगाई ने भारत के लिए कई तरह की दिक्कतें पैदा की हैं। डॉलर के मूल्य में क्रूड 50 फीसद, जबकि रुपये की कीमत में यह 70 फीसद तक महंगा हो चुका है। गौरतलब है कि कि पिछले तीन महीनों के दौरान क्रूड की कीमतों में लगातार हुई बढ़ोतरी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने कई तरह की चुनौतियां पेश कर दी है। तेल कंपनियों की तरफ से डॉलर की मांग होने की वजह से रुपया कमजोर हो रहा है और देश में महंगाई के बढ़ने की भी संभावना प्रबल हो रही है।
माना जा रहा है कि इस बैठक में भारत की तरफ से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने की स्थिति में उपजे हालात को लेकर भी तेल उत्पादक कंपनियों की मंशा भांपने की कोशिश की गई है। यह प्रतिबंध चार नवंबर से लागू होने वाली है। भारत को तेल आपूर्ति में ईरान काफी सहूलियत दे रहा है। वह भुगतान का कुछ हिस्सा रुपये में लेने के लिए तैयार है जबकि वह दो महीने का क्रेडिट देता है। यही वजह है कि पीएम ने सऊदी अरब के तेल मंत्री के सामने भुगतान में सहूलियत का मुद्दा उठाया है। सऊदी अरब ईरान पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों में एक है।