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साभार: जागरण समाचार
गोहाना में इनेलो की रैली के दौरान हुई नारेबाजी से पार्टी के अंदर दूरगामी असर दिखाई देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला छोटे बेटे अभय चौटाला पर ही अब पार्टी सुप्रीमो ने विश्वास जताया है। रविवार
को गोहाना रैली में पार्टी सुप्रीमो अपने पौत्र व हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला के समर्थकों द्वारा की गई हुल्लड़बाजी से खासे नाराज नजर आए। इससे यह भी तय हो गया कि ओमप्रकाश चौटाली की अनुपस्थिति में अभय चौटाला के पास ही पार्टी की कमान रहेगी।
अभय ने बरता संयम: वैसे तो नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला को राज्य की राजनीति में गरम मिजाज व हाजिर जवाबी के लिए पहचाना जाता है। मगर अभय ने गोहाना रैली के दौरान अपने भतीजे दुष्यंत चौटाला के समर्थकों द्वारा की गई हुल्लड़बाजी का जवाब अपने चिरपरिचित अंदाज में नहीं दिया। उन्होंने संयम बरता अन्यथा अभय चौटाला को गुस्सा किस कदर चढ़ता है, इसका उदाहरण प्रदेश की जनता विधानसभा के मानसून सत्र के जूता प्रकरण के रूप में देख चुकी है। जूता प्रकरण से अभय चौटाला अपनी पार्टी में गरम मिजाज होने का खामियाजा भुगत रहे थे। इस कारण ही वे गोहाना रैली में शांत नजर आए और यही संयम ओमप्रकाश चौटाला को पसंद आया।
दो साल से चाचा-भतीजे के बीच चल रही तनातनी: हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला और नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला के बीच पिछले करीब दो साल से अप्रत्यक्ष रूप में तनातनी चल रही है। राजनीति के जानकार मानते हैं कि दुष्यंत व उनके छोटे भाई दिग्विजय को अभय ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी। इससे क्षुब्ध दोनों भाइयों ने युवा वर्ग में अपनी पैठ बनाई। इसी पैठ का नतीजा है कि युवाओं ने ओमप्रकाश चौटाला के सामने भी अभय चौटाला को सिरे से नकार दिया। राजनीतिक विश्लेषक तो यह भी कह रहे हैं कि गोहाना रैली का असर इनेलो की आगामी राजनीति पर भी पड़ेगा। दुष्यंत व दिग्विजय की नाराजगी भी पार्टी को महंगी पड़ सकती है।
बसपा से समझौता भी दुष्यंत की नाराजगी का कारण: बेशक अभी दुष्यंत चौटाला ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है मगर सूत्रों की मानें तो उनके चाचा अभय चौटाला ने बसपा प्रमुख मायावती से इनेलो का समझौता करते समय दुष्यंत की राय नहीं ली थी। इसके कारण दुष्यंत अपने चाचा से काफी नाराज थे। दुष्यंत के समर्थकों को भी अभय चौटाला किसी न किसी रूप में लताड़ लगा रहे थे। इससे भी कुछ कार्यकर्ताओं ने बिना दुष्यंत की मर्जी के ही गोहाना रैली में अभय का विरोध करने की ठान ली थी। यही बात दुष्यंत ने मंच पर ओमप्रकाश चौटाला को समझाने का प्रयास किया मगर चौटाला ने पौत्र की बात पर विश्वास नहीं किया।
इनेलो से बसपा का गठबंधन होने के कारण इस रैली में बसपा प्रमुख मायावती के प्रतिनिधि के रूप में प्रदेश बसपा अध्यक्ष प्रकाश भारती और प्रदेश प्रभारी डॉ.मेघराज भी पहुंचे। डॉ.मेघराज ने मायावती का संदेश पढ़कर सुनाया और कहा कि इनेलो-बसपा का गठबंधन चट्टान की तरह मजबूत है। इसे तोड़ने के भाजपा-कांग्रेस मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। हालांकि दोनों नेता इनेलो के युवा कार्यकर्ताओं द्वारा अभय सिंह चौटाला के खिलाफ नारेबाजी से काफी आहत थे। इन नेताओं ने इनेलो कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि वे अनुशासित पार्टी के कार्यकर्ता हैं, इसलिए अनुशासन नहीं तोड़ें क्योंकि बसपा भी अनुशासन में विश्वास रखती है।
जननायक ताऊ देवीलाल ट्रस्ट की ओर से बनेगा कॉलेज व अस्पताल: पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने ताऊ देवीलाल जयंती के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि देवीलाल ट्रस्ट की तरफ से गरीबों की शिक्षा के लिए एक कॉलेज और इलाज के लिए अस्पताल बनाया जाएगा। कॉलेज व अस्पताल ट्रस्ट के खर्च पर बनेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यह भी तय कर दिया जाएगा कि ये किस शहर में बनेंगे। इनके लिए शीघ्र ही जगह भी तय कर ली जाएगी।
जननायक ताऊ देवीलाल ट्रस्ट की ओर से बनेगा कॉलेज व अस्पताल: पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने ताऊ देवीलाल जयंती के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि देवीलाल ट्रस्ट की तरफ से गरीबों की शिक्षा के लिए एक कॉलेज और इलाज के लिए अस्पताल बनाया जाएगा। कॉलेज व अस्पताल ट्रस्ट के खर्च पर बनेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यह भी तय कर दिया जाएगा कि ये किस शहर में बनेंगे। इनके लिए शीघ्र ही जगह भी तय कर ली जाएगी।