साभार: जागरण समाचार
हिसार के सेंट्रल जेल-1 में बनाई गई विशेष अदालत में रामपाल सहित सभी दोषियों को सजा सुनाई गई। बंद कमरे में कोर्ट की सुनवाई के दौरान रामपाल को कठघरे में खड़ा किया गया। तीन महिला दोषियों को
दूसरे कठघरे में और बाकी दोषी जज के सामने खड़े थे। सभी के नाम जज ने एक बार में लिए और सजा सुनानी आरंभ की। सजा सुनने के बाद रामपाल कुछ नहीं बोला, सिर्फ वह मुस्कुराता रहा। इसके बाद जज कोर्ट रूम से अपने कमरे में चले गए। उनके जाते ही सभी दोषियों ने रामपाल के पैर पकड़ लिए। रामपाल ने आसमान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कोई दिक्कत नहीं परमात्मा की असीम कृपा रहेगी। ठीक हो जाएगा सबकुछ। इसके बाद रामपाल और बाकी सभी दोषियों को पुलिस ले गई। इस दौरान रामपाल सहित सभी दोषियों ने अदालत से रहम की अपील भी की। बता दें कि बरवाला के सतलोक आश्रम संचालक रामपाल को 19 नवंबर 2014 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया था। तब से रामपाल जेल में बंद था। 11 अक्टूबर को उसे दोषी करार दिया गया था।
रामपाल बोला- मेरे चरित्र पर कोई दाग नहीं: वकील जेके गक्खड़ ने बताया कि सजा कम करने की अपील में रामपाल ने कहा कि कभी उसकी तरफ से गलत काम नहीं किया गया। उसके चरित्र पर भी कोई दाग नहीं। घटना के समय वह सत्संग भी नहीं कर रहा था। वह 8 से 18 नवंबर तक सत्संग भवन में भी नहीं आया था। साथ ही उसकी ओर से उकसाने वाली बात भी नहीं की गई थी।