Friday, December 11, 2015

GJU में पीएचडी के लिए ऑनलाइन आवेदन, एक जनवरी अंतिम तिथि

गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में अब पीएचडी करने के इच्छुक विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके तहत कहीं से भी किसी भी वक्त अंतिम तय तारीख तक इंटरनेट के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। पीएचडी आवेदनों के लिए गुरुवार को जीजेयू ने पहली बार इंटरनेट से आवेदन करने की सर्विस
लांच की। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आवेदन करने के लिए जीजेयू की अोर से बनाई गई वेबसाइट पर जाकर दिए गए फॉरमेट में मांगी गई जानकारी को भरना होगा। 
जिसके बाद आगे की प्रक्रिया के अनुसार करके काम किया जा सकेगा। इन सभी पहुलओं की जानकारी देने के लिए गुरुवार को जीजेयू में कॉन्फ्रेंस का अायोजन किया गया। कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने प्रोजेक्टर के माध्यम से पूरे प्रोसेस को बारीकी से समझाया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में पीएचडी के दाखिलों के लिए फार्म गुरुवार से ही उपलब्ध हो गए हैं। फार्म जमा कराने की अंतिम तिथि एक जनवरी है। जीजेयू में 18 विभागों में पीएचडी करीब 90 सीटें हैं। इस अवसर कुलसचिव प्रो. एमएस तुरान के साथ साथ साॅफ्टवेयर बनाने वाली टीम में कम्प्यूटर सेंटर के हेड मुकेश के नेतृत्व में दर्पण सलूजा, रामविकास भारत भूषण के अतिरिक्त रजिस्ट्रेशन शाखा के राजबीर मलिक, देवेंद्र सिंह महेंद्र सिंह शामिल थे। 
ऐसे होगा प्रक्रिया के तहत काम: जीजेयू की ओर से बनाई वेबसाइट से ही एडमिट कार्ड भी डाउनलोड किया जा सकेगा। आवेदनकर्ता के चालान नंबर भरने के बाद ही आवेदन किया जा सकेगा। प्रो. टंकेश्वर ने कहा कि अभी वेबसाइट में ई-चालान की व्यवस्था नहीं है, मगर कोशिश रहेगी की यह भी लागू कर दिया जाए। ताकि आवेदनकर्ता को बैंक जाना पड़े। उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर कितने आवेदन आए, कितने एडमिट कार्ड डाउनलोड किए गए। कितने चालान भरे गए। इसके लिए सभी तरह की जानकारी उपलब्ध रहेगी। तो साथ ही एक हेल्प डेस्क भी बनाया गया है। आवेदनकर्ता अगर पासवर्ड भूल जाए तो भी मोबाइल नंबर या मेल आईडी भरकर पता कर सकता है। 
कागज की होगी बचत तो पर्यावरण को होगा फायदा: प्रो. टंकेश्वर ने बताया कि प्रोस्पेक्ट्स प्रक्रिया को ऑनलाइन करने से लगभग 50 हजार कागजों की छपाई का काम नहीं करना पड़ेगा। कागज की बचत तो मान लो की पेड़ों की बचत होगी। पर्यावरण प्रदूषण रोकने तथा डिजिटल इंडिया की दिशा में यह विश्वविद्यालय का एक और कदम है। तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय होने के कारण डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देना भी विश्वविद्यालय का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में रिसर्च अन्य तरह के विषयों पर जानकारी देने के लिए ग्लोबल एकेडमिक इनोसेटिव नेटवर्क के तहत विदेशों से विशेषज्ञों को बुलाकर विद्यार्थियों को पढ़ाने की व्यवस्था करवाई जाएगी। इस काम के लिए जीजेयू प्रशासन बजट बनाकर काम करेगा। 
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साभारभास्कर समाचार 
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