Sunday, December 13, 2015

प्रेरणा: रोटी बैंक जो देता है गरीबों को रोटी

कहते हैं कि अच्छे कार्य के लिए कोई एक कदम बढ़ाता है तो दस कदम उसके साथ चलना शुरू कर देते हैं। बस दिल में इच्छाशक्ति मजबूत होनी चाहिए। इसकी जीती जागती मिसाल है रोहतक में संचालित किया जा रहा रोटी बैंक। यह बैंक अब सैकड़ों ऐसे लोगों के लिए भूख मिटाने का जरिया बन गया है जो लाचारी व पैसे के
अभाव में रात को बिना खाना खाए ही सोते थे। धीरे-धीरे इस मुहिम से दर्जनों लोग जुड़ गए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रोटी बैंक अभियान के संरक्षक राजेश लुंबा उर्फ टीनू बताते हैं कि 11 अक्टूबर को मानसरोवर पार्क में रोटी बैंक की स्थापना की। पुलिस अधीक्षक शशांक आनंद ने खुद इस अभियान का श्रीगणोश किया। इसके बाद लोगों से बचे हुए खाने के लिए संपर्क किया और इसे रेलवे स्टेशन पर गरीबों तक पहुंचाने की पहल की। रोटी बैंक से पहले 15 लोग ही जुड़े थे, लेकिन अब सदस्यों की संख्या 44 तक पहुंच चुकी है। कार्यक्रमों में अगर खाना अधिक बन जाता है तो रोटी बैंक के सदस्यों से संपर्क करके उन्हें यह खाना दिया जा रहा है। अब तो सोशल मीडिया पर भी इसे बेहतर रिस्पांस मिलने लगा है। रोटी बैंक के सभी सदस्य परिवारों में कोई भी कार्यक्रम हो तो वे गरीबों को खाना अनिवार्य रूप से खिलाते हैं।
डीएलएफ कालोनी में 15 से 20 परिवार तो ऐसे हैं जो रोजाना दो या इससे अधिक लोगों का खाना अतिरिक्त बनाने लगे। जिस तरह गाय के लिए पहली रोटी निकाली जाती है, उसी तरह ये परिवार भी घर के सदस्यों के अलावा रोटी बैंक के लिए अतिरिक्त खाना बनाते हैं। पलक, अलका और लविना व अन्य महिलाएं घर-घर जाकर खाना एकत्रित करती हैं सार्वजनिक स्थानों पर बांटती हैं। 
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साभारजागरण समाचार 
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