भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर जमीं बर्फ न सिर्फ पिघली है बल्कि अब वह एक नया आकार भी लेने लगी है। अब लगभग यह तय हो गया है कि द्विपक्षीय रिश्तों के तमाम तनाव भरे मुद्दों को सुलझाने के लिए दोनों देश बातचीत की राह पर तेजी से आगे बढ़ेंगे। बैंकाक में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों
(एनएसए) के बीच बैठक के बाद इस हफ्ते भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज के बीच भी द्विपक्षीय बातचीत तय है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सुषमा मंगलवार को हार्ट ऑफ एशिया बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद जाएंगी।
विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के मुताबिक, ‘इस्लामाबाद में होने वाली हार्ट ऑफ एशिया की पांचवी मंत्रिस्तरीय बैठक में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज करेंगी।’ बैठक में अफगानिस्तान को लेकर वैश्विक रणनीति तय की जानी है। लेकिन अब अफगानिस्तान से ज्यादा यह बैठक भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय रिश्तों व बातचीत के लिए आकर्षण का केंद्र होगी। विगत रविवार को भारत के एनएसए अजीज डोभाल और पाक के एनएसए नासीर जांजुआं ने बातचीत का जो सिलसिला शुरू किया है वह अब इस्लामाबाद में आगे बढ़ेगा। स्वराज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी मुलाकात करेंगी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज ने इस्लामाबाद में इस बात की तस्दीक की है कि भारतीय विदेश मंत्री के साथ उनकी बातचीत होगी और यह समग्र बातचीत प्रक्रिया को फिर से शुरू करने पर आधारित होगी। माना जा रहा है कि स्वराज और अजीज की बैठक में इस मुद्दे पर फैसला होगा कि आने वाले दिनों में हर स्तर पर बातचीत को किस तरह से आगे बढ़ाया जाए। इसके बाद ही विदेश सचिव, गृह सचिव, वाणिज्य सचिव और ऊर्जा सचिव स्तर पर बातचीत की रुप रेखा तय होगी। सनद रहे कि सुषमा स्वराज तीन वर्ष बाद पाकिस्तान जाने वाली विदेश मंत्री बनेंगी। वर्ष 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा पाकिस्तान गए थे और तब वीजा नियमों के सरलीकरण पर सहमति बनी थी। हालांकि इस सहमति का आम आवाम को कोई फायदा नहीं हुआ था। दोनो देश अभी भी एक दूसरे के नागरिकों को वीजा देने में काफी आनाकानी करते हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज ने इस्लामाबाद में इस बात की तस्दीक की है कि भारतीय विदेश मंत्री के साथ उनकी बातचीत होगी और यह समग्र बातचीत प्रक्रिया को फिर से शुरू करने पर आधारित होगी। माना जा रहा है कि स्वराज और अजीज की बैठक में इस मुद्दे पर फैसला होगा कि आने वाले दिनों में हर स्तर पर बातचीत को किस तरह से आगे बढ़ाया जाए। इसके बाद ही विदेश सचिव, गृह सचिव, वाणिज्य सचिव और ऊर्जा सचिव स्तर पर बातचीत की रुप रेखा तय होगी। सनद रहे कि सुषमा स्वराज तीन वर्ष बाद पाकिस्तान जाने वाली विदेश मंत्री बनेंगी। वर्ष 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा पाकिस्तान गए थे और तब वीजा नियमों के सरलीकरण पर सहमति बनी थी। हालांकि इस सहमति का आम आवाम को कोई फायदा नहीं हुआ था। दोनो देश अभी भी एक दूसरे के नागरिकों को वीजा देने में काफी आनाकानी करते हैं।
क्रिकेट सीरिज पर फैसला संभव: भारत और पाकिस्तान की सरकारों के बीच हर मुद्दों पर फिर से चर्चा शुरु होने के बाद दोनों देशों के बीच क्रिकेट श्रृंखला को शुरू करने के मुद्दे पर भी जल्द ही फैसला हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस बारे में स्वराज और अजीज के बीच होने वाली बातचीत के बाद घोषणा संभव है। बहुत संभव है कि दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डो को श्रृंखला आयोजित करने को हरी झंडी दिखा दी जाए। पहली क्रिकेट श्रृंखला किसी तटस्थ स्थल पर कराई जा सकती है।
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साभार: जागरण समाचार
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