हरियाणा में धान खरीद मामले में घोटाले के आरोपों से चौतरफा घिरी भाजपा सरकार ने अब स्टॉक की सैंपल जांच के दौरान एमएलए-एमपी को भी मौजूद रहने की छूट दी है। यह छूट तब दी गई जब पीबी 1509 किस्म के धान का अधिकांश रिकॉर्ड तैयार किया जा चुका है। इसके साथ ही प्रदेश के राइस मिलर्स को पहले ही आदेश
दिए जा चुके हैं कि वे पीबी 1509 धान की मिलिंग अभी करें। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार को फूड एंड सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ मामले की समीक्षा की। सीएम को बताया गया कि मंडियों के एच रजिस्टर के आधार पर पीबी 1509 की मंडियों में खरीद और मिलर्स को सप्लाई का रिकॉर्ड लगभग तैयार हो चुका है। अब इसके बाद फाइनेंशियल कमिश्नर लेवल के 13 बड़े अफसर धान के बाकी स्टॉक का वेरिफिकेशन करेंगे। अधिकारियों से कहा गया है कि वे भी अपने स्तर पर राइस मिलों में सैंपल के तौर पर स्टॉक का वेरिफिकेशन करें। इस दौरान स्थानीय एमएलए और एमपी भी मौके पर बुलाए जाएं। उनकी मौजूदगी रहने से विपक्ष संतुष्ट होगा। स्टॉक वेरिफिकेशन की वीडियोग्राफी भी होगी।
विपक्ष का आरोप, नमी के नाम पर किसानों से 150 से 250 रुपए तक काटे: धानकी सरकारी खरीद को लेकर इनेलो-कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष बड़े घोटाले का आरोप लगा रहा है। विपक्ष का कहना है कि नमी के नाम पर किसानों से 150 से 250 रुपए तक काटे गए। यह पैसा किसके पास है, इसका सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है। इसी तरह पहली बार हुई पीबी 1509 किस्म की सरकारी खरीद के बावजूद पहले मिलर्स को इसकी अलग-अलग एंट्री और स्टॉक रखने को कहा गया, बाद में उस आदेश को वापस ले लिया गया। पीबी 1509 बासमती किस्म का चावल है जो बाजार में महंगा बिकता है। इस तरह सरकारी अफसरों, मिलर्स, आढ़तियों और नेताओं ने मिलकर बड़ा घोटाला किया है। जबकि सरकार किसी तरह का घोटाला होने की बात से ही इनकार कर रही है।
इन अधिकारियों की ड्यूटी: आबकारीएवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोशन लाल को करनाल, परिवहन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएस ढिल्लों को कुरुक्षेत्र, सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राम निवास को हिसार, नगर एवं ग्राम आयोजना एवं आवास विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी राघवेन्द्र राव को सिरसा, खेल एवं युवा कार्यक्रम चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. के के खण्डेलवाल को पंचकूला, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह को अम्बाला, उच्चत्तर शिक्षा, अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय तथा सांस्कृतिक विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन को पलवल जिले की मंडियों में धान की खरीद के स्टॉक की फिजिकल वैरिफिकेशन की जांच करेंगे। इसी प्रकार, कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव वीएस कुण्डू को फरीदाबाद, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास को कैथल, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम को सोनीपत, तकनीकी शिक्षा महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता को जींद, श्रम एवं रोजगार विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शशि बाला गुलाटी को यमुनानगर तथा पर्यावरण एवं सहकारिता विभागों के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी को फतेहाबाद जिलों की मंडियों में धान की खरीद के स्टॉक की फिजिकल वैरिफिकेशन के लिए ड्यूटी लगाई है। इधर, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने धान खरीद घोटाले की जांच के लिए एसआईटी बनाए जाने संबंधी इनेलो की मांग को हास्यास्पद करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से ही करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा क जो घोटाला सरकारी संरक्षण में हुआ हो, उसकी जांच सरकार के मातहत कोई एजेंसी कैसे कर सकती है। ऐसी जांच के परिणाम वैसे ही होंगे जैसे दूध की रखवाली के लिए बिल्ली को बैठाना। हुड्डा ने कहा कि बेशक इनेलो संवैधानिक तौर पर मुख्य विपक्षी दल है, लेकिन व्यवहारिक तौर पर विधानसभा के भीतर और बाहर उसका आचरण भाजपा के मुख्य सहयोगी दल का रहा है। हुड्डा ने कहा कि धान खरीद में किसानों की हुई लूट और विश्वासघात के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी चुप बैठने वाली नहीं है। इस घोटाले को लेकर शनिवार को दिल्ली में पार्टी विधायकों की आपात बैठक हुई, जिसमें आगामी रणनीति पर विचार किया गया। विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा जल्दी ही जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को 13 जिलों की मंडियों में धान की खरीद के स्टॉक की फिजिकल वैरिफिकेशन के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। इसमें खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव कम्बोज भी मौजूद रहे। बैठक मेें अधिकारियों को पूसा-1509 किस्म के धान के स्टॉक की जांच प्राथमिकता के आधार पर 9 दिसम्बर, 2015 तक पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान पूसा-1509 धान के स्टॉक पर विशेष रंग से चिन्ह अंकित करें ताकि कोई भी व्यक्ति इसका अवलोकन कर सके। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गत दिनों मुख्य सचिव डीएस ढेसी की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों को धान के स्टॉक जांच के लिए विभिन्न जिलों में ड्यूटियां लगाई।
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साभार: भास्कर समाचार
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