Saturday, December 5, 2015

प्रदूषण घटाने का अनूठा प्लान: दिल्ली में अब एक दिन सम संख्या तो एक दिन विषम संख्या वाले वाहन चल सकेंगे

लोग दिल्ली में एक जनवरी से रोज अपनी गाड़ियां नहीं चला सकेंगे। हर गाड़ी का नंबर एक दिन छोड़कर आएगा। क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने फैसला किया है कि दिल्ली की सड़कों पर एक दिन सम संख्या (जिनके अंत में 0,2,4,6 और 8 है) वाली गाड़ियां चलेंगी। अगले दिन विषम संख्या (जिनके आखिर में 1,3,5,7,9 है) वाली। राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट
ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। फैसले के मुताबिक, यह नियम दिल्ली के साथ ही पड़ोसी राज्यों के रजिस्ट्रेशन नंबरों वाले निजी वाहनों पर भी लागू होगा। इमरजेंसी सेवाओं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इस फैसले के बाद दिल्ली में रजिस्टर्ड कुल निजी गाड़ियों में से रोज सिर्फ आधी ही सड़कों पर उतर पाएंगी। 
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को ही राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर तीखी टिप्पणी की थी। उसने कहा था, 'दिल्ली में रहना अब गैस चैम्बर में रहने जैसा हो गया है।' कोर्ट की इस सख्त टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई थी। इसके बाद राज्य के मुख्य सचिव केके शर्मा ने कहा सरकार के फैसले का ऐलान किया। शर्मा ने बताया, कि हर साल सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। नए फार्मूले से प्रदूषण आधा रह जाएगा। ट्रैफिक पुलिस, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और दिल्ली नगर निगम से चर्चा के बाद इस फार्मूले को लागू करने का ब्लू प्रिंट तैयार होगा। इसमें उल्लंघन करने वालों पर क्या कार्रवाई की जाए, यह भी होगा।' 
कांग्रेस खिलाफ; भाजपा ने कहा-व्यवहारिक होना चाहिए: आप सरकार के फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, 'केजरीवाल सरकार को सस्ती लोकप्रियता के लिए नौटंकी करने की आदत है। यह व्यवहारिक नहीं है। इससे आम आदमी को ही परेशानी होगी। तबीयत खराब हो गई तो अस्पताल जाने से पहले क्या यह देखना होगा कि कार का नंबर क्या है?' हालांकि, भाजपा ने सतर्कता से प्रतिक्रिया दी। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'प्रदूषण रोकने के लिए उठाए किसी भी कदम का हम स्वागत करते हैं। लेकिन वह व्यवहारिक होना चाहिए। किसी भी कदम को सिरे से खारिज नहीं किया जाना चाहिए।'' 
पर्यावरण विशेषज्ञों ने किया फैसले का स्वागत: सीएसई (सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरन्मेंट) की डायरेक्टर जनरल सुनीता नारायण समेत पर्यावरण के लिए काम करने वालों ने फैसले का स्वागत किया है। नारायण ने कहा, 'इसे लागू करने की चुनौतियां हैं। लेकिन पब्लिक इमरजेंसी को देखते हुए यह जरूरी था।' सेंटर के सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के चीफ प्रोजेक्ट साइंटिस्ट गुफरान बेग ने भी फैसला अच्छा बताया। उन्होंने कहा, 'कारों की संख्या घटेगी तो प्रदूषण पर तत्काल इसका असर दिखाई देगा।' सीएसई की एक्सपर्ट अनुमिता रायचौधरी ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए बीजिंग और मैक्सिको सिटी में इसी तरह की योजना अमल में लाई गई थी। लेकिन लंदन और स्टॉकहोम में 'कंजेशन प्राइजिंग'' का फार्मूला अपनाया गया था। 
दिल्ली पुलिस ने कहा- हमारी राय नहीं ली: दिल्ली सरकार के वाहनों का सम-विषम फार्मूला अपनाने के फैसले के कुछ ही घंटों बाद दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने इस पर सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा, इस प्रस्ताव पर दिल्ली पुलिस की राय नहीं ली गई है। यदि यह प्रस्ताव हमारे पास आया तो ट्रैफिक डिपार्टमेंट इसकी पड़ताल करेगा। जनहित में इस पर आगे कोई कार्रवाई की जा सकेगी। यदि मेरे पास इस मुद्दे पर प्रस्ताव आएगा तभी मैं इस पर कोई टिप्पणी कर सकूंगा। इस समय हमारे पास कुछ भी नहीं है।' 
कोर्ट ने 21 तक मांगा है प्लान: दिल्लीहाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली और केंद्र सरकार को फटकारा था। उन्होंने कहा था, 'प्रदूषण का मौजूदा स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। जो एक्शन प्लान केंद्र और दिल्ली सरकार ने दिए हैं, उसमें तो किसी की जवाबदेही तय की गई है और ही समय सीमा।' कोर्ट ने 21 दिसंबर तक एक्शन प्लान देने को कहा था। 
चीन और सिंगापुर में भी लागू है योजनासम/ विषमसंख्या वाली योजना चीन की राजधानी बीजिंग के अलावा सिंगापुर में भी लागू है। वहां एक दिन सम संख्या के वाहन चलते हैं तो अगले दिन विषम संख्या वाले। इस तरह एक वाहन महीने में आम तौर पर 15/16 दिन ही चल पाता है। शहर में जाम और प्रदूषण की समस्या कम होती है। 
हरियाणा पर होगा सबसे ज्यादा असर, खुद की कारों से राेज दिल्ली जाते हैं लाखों लोगदिल्लीके फैसले से हरियाणा सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। दिल्ली से तीन ओर से सटे प्रदेश के लाखों लोग रोज अपनी कार से दिल्ली जाते-आते हैं। पानीपत, करनाल, सोनीपत, रोहतक, जींद, हिसार, रेवाड़ी, अम्बाला, फरीदाबाद और गुड़गांव को मिलाकर ऐसे लोगों की संख्या तीन लाख से अधिक है। इसके अलावा हजारों लोगों के पास दिल्ली में रजिस्टर्ड गाड़ियां भी हैं। कई टूर एंड ट्रवैल्स एजेंसियां निजी वाहनों का प्रयोग करती हैं।
जींद में ऑटो वालों पर लागू है नियम, जाम-प्रदूषण हुआ कम: जींदमें बेतरतीब चल रहे ऑटो से मुख्य सड़कों पर आए दिन जाम लगा रहता था। दुर्घटनाएं होतीं और प्रदूषण फैलता। इससे निपटने के लिए डीसी विनय सिंह ने एक दिन सम और अलगे दिन विषम संख्या वाले ऑटो चलाने के आदेश दिए। शहर में जाम-प्रदूषण कम हो गया। 

  • पब्लिक ट्रांसपोर्टको मजबूत किया जाएगा। डीटीसी की बसों और मेट्रो के फेरे बढ़ाएंगे। 
  • बदरपुरथर्मल पावर स्टेशन बंद होगा। दादरी (यूपी) का पावर प्लांट बंद करवाने एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) जाएंगे। 
  • एक अप्रैलसे सड़कों की सफाई वैक्यूम क्लीनर से। मुख्य सड़कों पर पौधारोपण किया जाएगा। 
  • ट्रकोंको शहर में प्रवेश की अनुमति को रात नौ के बजाय 10 या 11 बजे के बाद ही दी जाएगी। 
  • ज्यादातर स्कूलबसें सीमित अवधि के लिए चलती हैं। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट/डीटीसी इन बसों का भी इस्तेमाल कर सकता है। 
  • यूरो-6मानक 2017 से दिल्ली में लागू होंगे। केंद्र ने इसे 2019 से लागू करने का तय किया है। 
  • पॉल्यूशन अंडरकंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट के बिना वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। पीयूसी के बाद भी वाहन से प्रदूषण हो तो उसे रोका जाएगा। 
  • स्वच्छदिल्ली एप को बदलेंगे। ताकि लोग प्रदूषण के स्रोतों की तस्वीरें पोस्ट कर सकें। 
  • मुख्य सड़कोंपर ट्रैफिक स्लो करने वाले एमसीडी के पार्किंग लॉट्स बंद किए जाएंगे। 

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साभारभास्कर समाचार 
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