Saturday, December 19, 2015

लाइफ मैनेजमेंट: जो भी करें उसमें श्रेष्ठ होना क्यों है जरूरी

एन रघुरामन (मैनेजमेंट फंडा)
इस सप्ताह के आरंभ में केरल के कोच्चि में आईएनएस विक्रमादित्य पर संयुक्त कमांडर कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तीनों सेना प्रमुखों को नेवल बेस पर लंच के दौरान शानदार ब्रेड और कुकी सर्व की गई। 'केक्स एंड कैंडल्स' द्वारा सर्व इन बैकरी व्यंजनों को मेहमानों ने काफी पसंद
किया। इसके पीछे सोनू प्रदीप हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। लंबे समय तक आयरलैंड में रहने के बाद 2013 में सोनू ने भारत लौटने का फैसला किया। उनके पति आज भी वहीं काम करते हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए सोनू लौट आईं। 
वे आर्मी अधिकारी की बेटी और बहन हैं, इसलिए नेवल बेस उनके दिल के काफी करीब रहा है। वे वहां बैकिंग की अपनी प्रतिभा का उपयोग करना चाहती थीं। उनके पास शुगर क्राफ्ट में मास्टर्स डिग्री तो है ही, यूरोप के शीर्ष दस बैकर्स में से एक से बैकिंग सीखी भी है, इसलिए वे सिर्फ परंपरागत केक और कप-केक्स तक ही सीमित नहीं हैं। उन्होंने कुछ समय केक तैयार किए, लेकिन जब देखा कि इस बाजार में बहुत लोगों के आने से गुणवत्ता प्रभावित हो रही है तो उन्होंने इसे छोड़ दिया, क्योंकि वे क्वालिटी से समझौता नहीं चाहती थीं। उन्होंने सोचा कि जो लोग क्वालिटी केक चाहते हैं, विशेष रूप से क्रिसमस के मौके पर, वे खुद उनसे संपर्क करेंगे और ऐसा ही हुआ भी। 
एमबीए की उनकी किताब कहती है कि किसी बिज़नेस को पूरी तरह स्थापित होने में तीन साल लगते हैं। वे इस मान्यता को बदलना चाहती थीं। उन्होंने कोच्चि का चयन किया, क्योंकि यह चावल का उपयोग करने वाला क्षेत्र है और विभिन्न सैन्य बलों के मानदंडों जीवनस्तर से वाकिफ। कुछ हद तक यहां पार्टीज और हाई लाइफ भी चुकी है। क्षेत्र में अनिवासी भारतीयों की कमाई का प्रवाह भी है और महत्वाकांक्षी आबादी वाले बाजार में जगह बनाने में उन्हें देर नहीं लगी। सामान्य केक और चॉकलेट के अलावा उन्होंने कलात्मक ब्रेड जैसे स्टोलन, पार्टीब्रॉट, इटालियन सीआबाटा, फोकेसशिया और पेन अल्टामूरा भी बनाना शुरू किया। वह महंगी थी, लेकिन इसकी सजावट, और हाइजीन ने बाजार में यह संदेश दिया कि यह वाजिब है। आखिर में उनके फूड और बैकिंग की जीत हुई। चूंकि कोच्चि ब्रेड के लिए बड़ा बाजार नहीं है, इसलिए उन्होंने कोर्टयार्ड मैरियट से अपनी ब्रेड उनके मीनू में शामिल करने का अनुरोध किया। शेफ उनकी क्वालिटी से संतुष्ट हुए और इससे उन्हें एक मौका मिल गया। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण से काम किया, जिसमें दस बन लेकर 40 किलोमीटर की फेरी लगाना भी शामिल है। आज वे होटलों को बुफे ब्रेड और डेजर्ट सप्लाई करती हैं। 
उनके ग्राहकों में खाने-पीने के पहले दर्जे के स्थान शामिल हैं और सबसे महत्वपूर्ण है नेवल बेस। अप्रत्याशित रूप से अंतरराष्ट्रीय ब्रेंड से जुड़ने से वे इंटरनेशनल वेंडर्स की लिस्ट में शामिल हो गई हैं। और इस उपलब्धि पर उन्हें नाज़ है। उन्होंने महसूस किया कि बड़ी बेकरियां अच्छे उत्पादों के छोटे ऑर्डर नहीं लेतीं। और वे ग्राहकों के साथ मुलाकातों में भी मौजूद नहीं रहती, जहां ग्राहक सुधार के लिए अपने सुझाव देते। इसलिए हर कदम पर हर संभावित ग्राहक से मुलाकात के दौरान उन्होंने सुनिश्चित किया कि वे खुद मौजूद रहें। ताकि वे अप्रत्यक्ष रूप से अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रति लोगों को जागरूक कर सके। कभी भी किसी सैम्पलिंग सेशन और सेल्स की बातचीत के लिए उन्होंने अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजा। उनके इस रवैये ने डील को पक्का करने पर काफी असर डाला। आज वे नौ सेना दिवस, पासिंग आउट परेड डे, विदेशी प्रतिनिधियों के दौरों और कमांड मेस की पार्टीयों, शिप डॉकिंग और यहां तक कि तटरक्षक बल का भी हिस्सा हैं। वे सिर्फ सप्लाई ही नहीं करतीं बल्कि मेनू बनाने में भी मदद करती हैं। विशेष रूप से हाई-टी में। इसलिए दो साल में उनके प्रोडक्ट उन महत्वपूर्ण टेबलों पर पहुंचे हैं, जहां प्रधानमंत्री ने भी भोजन किया है। 
फंडा बहुत आसान है कि अगरआप श्रेष्ठ बने रहते हैं तो आपको अपने बिजनेस का हिस्सा बनाने के लिए आसपास के श्रेष्ठ व्यवसाय आपके पास खुद आएंगे। 


Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारभास्कर समाचार 
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